IAS Success Story: कोचिंग में ज्यादा समझ नहीं आया तो सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया, तीसरे प्रयास में गीतांजलि को मिली सफलता
अधिकतर लोगों को लगता है कि अगर आप यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो कोचिंग जरूरी है. हालांकि गीतांजलि की कहानियां दिखाती है कि सेल्फ स्टडी के दम पर आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं.
Success Story Of IAS Topper Geetanjali Sharma: आज आपको यूपीएससी परीक्षा 2019 में 32वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाली गीतांजलि शर्मा की कहानी बताएंगे जो काफी प्रेरणादायक है. गीतांजलि को यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली. उन्हें यूपीएससी में दोबारा सफलता मिली, लेकिन हर बार उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार कर उन्हें सुधारा. यही कारण रहा कि तीसरे प्रयास में उन्होंने इतनी अच्छी रैंक हासिल की. गीतांजलि का यह सफर थोड़ा लंबा रहा लेकिन इस दौरान उन्होंने बहुत सी चीजें सीखीं, जो सफलता के लिए जरूरी होती हैं.
पिता नेवी और मां डीआरडीओ में साइंटिस्ट
गीतांजलि शर्मा के पिता इंडियन नेवी में कार्यरत हैं और उनकी मां डीआरडीओ में साइंटिस्ट हैं. अपने पेरेंट्स की नौकरी की वजह से उनकी शिक्षा देश के कई शहरों में हुई. गीतांजलि का ज्यादातर समय दिल्ली में बीता. उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन भी दिल्ली से की. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूपीएससी के क्षेत्र में जाने का मन बनाया और तैयारी शुरू कर दी. यहां उन्हें थोड़ा संघर्ष करना पड़ा लेकिन तीसरे प्रयास में सफलता मिल गई.
ऐसा रहा यूपीएससी का सफर
गीतांजलि शर्मा ने यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे पहले कोचिंग ज्वाइन की. लेकिन करीब 1 साल बाद उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें कोचिंग के बजाय सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान देंगी, तो सफलता जल्दी मिलेगी. ऐसे में उन्होंने कोचिंग छोड़ दिया और सेल्फ स्टडी के दम पर तैयारी करने की ठान ली. यूपीएससी में पहले प्रयास में वे प्री-परीक्षा पास नहीं कर पाईं. दूसरे प्रयास में वे तीनों स्टेज पार कर गईं, लेकिन फाइनल लिस्ट में नंबर नहीं आया. इसके बाद उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारा और तीसरे प्रयास में 32वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया.
यहां देखें गीतांजलि का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को गीतांजलि की सलाह
गीतांजलि कहती हैं कि यूपीएससी की तैयारी करने के लिए सबसे पहले अपना टाइम टेबल बना लेना चाहिए. उस टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करनी चाहिए. जब आप का सिलेबस कवर हो जाए तो उसका बार-बार रिवीजन करें. इसके अलावा थोड़ा समय अपने टाइम टेबल में दिमाग को रिफ्रेश करने के लिए रखें. 24 घंटे किताबों में घुसे रहने से यूपीएससी का सफर बेहद अजीब हो जाएगा. ऐसे में अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें और उसके साथ सही रणनीति बनाकर तैयारी करते रहें. एक ना एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी. वे कहती हैं कि यूपीएससी में जब आपको सफलता मिले तो अपनी गलतियों की पहचान कर उन्हें सुधारें और अगला प्रयास बेहतर करें.
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