Success Story Of IAS Topper Varjeet Walia: यूपीएससी सिविल सेवा (UPSC CSE) की तैयारी सही रणनीति और बेहतर प्लानिंग के साथ की जाए, तो सफलता मिलने में कम वक्त लगता है और उम्मीदवारों को असफलता के कठिन दौर से भी नहीं गुजरना पड़ता. तैयारी के वक्त ऑप्शनल सब्जेक्ट बेहद सोच समझकर चुनना चाहिए. यह सब्जेक्ट आपका स्कोर हासिल करने और सफलता दिलाने के लिए जरूरी होता है. आज आपको आईएएस वर्जीत वालिया (Varjeet Walia) की कहानी बताएंगे, जो सही ऑप्शनल न चुनने की वजह से फेल हो गए. फिर उन्होंने अपना ऑप्शनल बदला और कड़ी मेहनत कर लगातार दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की. चलिए उनके सफर के बारे में जान लेते हैं. 


ऐसा रहा वर्जीत का शुरुआती सफर 


वर्जीत ने कैमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया था. उन्होंने डिग्री पूरी होने के बाद करीब डेढ़ साल तक लगातार तैयारी की और फिर सिविल सर्विस की परीक्षा में शामिल हुए. वे कहते हैं कि तैयारी के लिए आप कभी जल्दबाजी न करें. आप धीरे-धीरे और गहराई के साथ हर विषय को पढ़ें, ताकि उसे जल्दी न भूलें. अगर आप धैर्य के साथ लगातार मेहनत करते रहेंगे, तो आपकी तैयारी ज्यादा मजबूत हो जाएगी. 


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ऑप्शनल विषय कैसे चुनें? 


वर्जित वालिया के मुताबिक ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने से पहले आप यह देखें कि आपकी कमांड किस विषय पर सबसे ज्यादा है. आपने उस विषय के बारे में कितना पढ़ा है. टॉपर्स के इंटरव्यू देखें और उसके अनुसार अपनी क्षमताओं का आकलन करें. जल्दबाजी बिल्कुल ना करें और समय लेकर तैयारी को बेहतर बनाएं. वर्जीत का सफर  संघर्षपूर्ण रहा. पहले प्रयास में असफल होने के बाद उन्होंने ऑप्शनल बदला, लेकिन कुछ गलतियों के कारण दूसरे प्रयास में भी फेल हुए. तीसरे प्रयास में यूपीएससी में 577 रैंक मिली. उन्होंने एक और प्रयास किया. चौथे प्रयास में उन्हें मंजिल मिल गई.


यहां देखें वर्जीत वालिया का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू 



अन्य उम्मीदवारों को यह सलाह देते हैं वर्जीत


यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को वर्जीत तीन बातों को याद रखने की सलाह देते हैं- कड़ी मेहनत, धैर्य और निरंतरता. वे कहते हैं कि अगर आप इन तीन बातों को अपने दिमाग में बैठा लेंगे, तो आप आसानी से सफलता हासिल कर सकते हैं. यहां सफलता मिलने में सालों का वक्त लग जाता है, ऐसे में धैर्य नहीं खोना चाहिए और सकारात्मक रहना चाहिए. इसके अलावा गलतियों से सीखना चाहिए और समय-समय पर मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी का आकलन करना चाहिए.


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