IAS Success Story: यूपीएससी के लिए बैंक की नौकरी छोड़ी, 2 साल तक बच्चे से दूर रहकर अनु कुमारी ने हासिल की सफलता
यूपीएससी में सफलता पाने वाले कुछ कैंडिडेट्स की कहानी बेहद संघर्षपूर्ण होती है. अनु ने शादी होने के बाद यूपीएससी की खातिर नौकरी छोड़कर संघर्ष करने का फैसला किया.
Success Story Of IAS Topper Anu Kumari: आज आपको यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करके आईएएस अफसर बनने वाली अनु कुमारी की कहानी बताएंगे. अनु ने यूपीएससी के सपने की खातिर कई साल तक अपने बच्चे से दूर रहीं और इससे पहले उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया था. जब पहली बार में अनु को असफलता मिली, तो उन्हें काफी बड़ा झटका लगा. इसके बाद उन्होंने और ज्यादा मेहनत कर दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल कर अपने सिविल सेवा के सपने को साकार कर लिया.
ऐसी रही शुरुआती जिंदगी
अनु कुमारी का जन्म हरियाणा के सोनीपत में हुआ था और उनकी शुरुआती पढ़ाई भी यहीं हुई. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने दिल्ली से ग्रेजुएशन करने का फैसला किया. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने नागपुर में एमबीए में एडमिशन ले लिया. एमबीए के बाद उनकी मुंबई में एक बैंक में नौकरी लग गई. करीब 2 साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने गुड़गांव ट्रांसफर करा लिया. यहां उनकी शादी हो गई और एक बेटे का जन्म हुआ. इसी दौरान अपने भाई और मामा के कहने पर उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया.
लोगों ने ताने भी मारे
अनु अपने छोटे बच्चे के साथ यूपीएससी की तैयारी नहीं कर पा रही थीं, ऐसे में उन्होंने दूर रहकर पढ़ाई करने का फैसला किया. इस दौरान उन्हें लोगों ने कई ताने भी मारे. हालांकि इस सब को दरकिनार कर उन्होंने कड़ी मेहनत जारी रखी. पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिल पाई. इससे निराश होने के बजाय उन्होंने दूसरे प्रयास में सब कुछ झोंक दिया और यूपीएससी में टॉप कर दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि दूसरे प्रयास में इंटरव्यू देने के बाद वे अपने बच्चे से मिलीं.
यहां देखें अनु कुमारी का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को अनु की सलाह
अनु का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी आप किसी भी स्टेज पर आकर शुरू कर सकते हैं. इस दौरान आपको समाज के लोगों के तानों और उनकी बातों को दरकिनार करना होगा. आपको सिर्फ अपने लक्ष्य पर फोकस करना होगा और उसके लिए कड़ी मेहनत और बेहतर रणनीति बनानी होगी. अनु का मानना है कि आप तैयारी के लिए किताबों का सिलेक्शन सोच-समझकर करें और सिलेबस के अनुसार अपनी पढ़ाई का शेड्यूल बनाएं. वे कहती हैं कि इस दौरान पॉजिटिव एटीट्यूड काफी जरूरी होता है.
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