IAS Success Story: बिना कोचिंग किए दूसरे प्रयास में नागार्जुन ने पास की UPSC की परीक्षा, इनकी सफलता की कहानी है प्रेरणादायक
नागार्जुन के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, ऐसे में उन्होंने एमबीबीएस के बाद एक हॉस्पिटल में रेजिडेंट के पद पर नौकरी करना शुरू कर दिया. हालांकि उनका लक्ष्य अब भी आईएएस की परीक्षा पास करना था. इसके लिए उन्होंने रणनीति बनाकर तैयारी शुरू कर दी. आर्थिक स्थिति की वजह से नागार्जुन नौकरी छोड़कर काम नहीं कर सकते थे. ऐस में उन्होंने नौकरी के साथ तैयारी की. इस दौरान उन्हें कठिनाई हुई, लेकिन वे लगे रहे.
Success Story of IAS Topper Nagarjun B Gowda: जब इंसान कुछ करने की ठान ले, तो उसे दुनिया की कोई भी ताकत सफल होने से नहीं रोक सकती. इस कहावत को 2019 बैच के IAS ऑफिसर नागार्जुन बी गौड़ा ने सच करके दिखाया है. कर्नाटक के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े नागार्जुन के पास सीमित संसाधन थे, लेकिन उनका लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा पास करना था. इसके लिए उन्होंने लगातार पढ़ाई की. उनके सामने कई तरह की मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने सफलता प्राप्त करने की ठान ली थी. उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार कोशिश की.
इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मेडिकल का एंट्रेंस एग्जाम दिया और पास कर लिया. इसके बाद उन्हें एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला मिल गया. इसके बाद भी उन्होंने अपना लक्ष्य आईएएस ऑफिसर बनने का ही रखा. आखिरकार दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी सीएसई की परीक्षा पास करके सफलता हासिल कर ली. उनका कहना है कि हार्ड वर्क और डेडिकेशन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. अगर आप ईमानदारी से मेहनत करेंगे, तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी.
नौकरी के दौरान की थी तैयारी
नागार्जुन के परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, ऐसे में उन्होंने एमबीबीएस के बाद एक हॉस्पिटल में रेजिडेंट के पद पर नौकरी करना शुरू कर दिया. हालांकि उनका लक्ष्य अब भी आईएएस की परीक्षा पास करना था. इसके लिए उन्होंने रणनीति बनाकर तैयारी शुरू कर दी. आर्थिक स्थिति की वजह से नागार्जुन नौकरी छोड़कर काम नहीं कर सकते थे. ऐस में उन्होंने नौकरी के साथ तैयारी की. इस दौरान उन्हें कठिनाई हुई, लेकिन वे लगे रहे.
बिना कोचिंग किए हासिल की सफलता
कई लोग यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग को जरूरी मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. नागार्जुन ने नौकरी के साथ बिना कोचिंग के तैयारी कर सफलता हासिल करके मिसाल पेश की. वे कहते हैं कि कम से कम 6 से 8 घंटे का समय आपको तैयारी के लिए देना ही है. आप काम पर जाने के पहले कितना पढ़ते हैं. आपको पढ़ाई का शेड्यूल बनाकर चलना चाहिए. वे तो पूरे साल का शेड्यूल बनाने पर विश्वास करते हैं कि आपको कब और क्या पढ़ना है. इससे आप समय से अपने टारगेट पूरे कर पाएंगे और एक प्रोफेशनल के लिए यह बहुत जरूरी है.
सेल्फ स्टडी है सफलता की कुंजी
नागार्जुन कहते हैं कि कोचिंग लेना या न लेना आपका अपना निर्णय है. अगर आप बिना कोचिंग के खुद से विषय समझ लेते हैं तो बढ़िया है, जैसा कि उन्होंने किया था. लेकिन आपको चीजें समझ नहीं आती और आपको किसी की मदद लेनी है तो उसमें भी कोई बुराई नहीं है. ऐसे में आप कोचिंग ज्वॉइन करें. हालांकि अंत में काम सेल्फ स्टडी ही आती है। सही सफलता प्राप्त करने की कुंजी है.
नागार्जुन की तरीका है बेहद अलग
नागार्जुन की मानें को आपको यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए स्मार्ट स्टडी की जरूरत होती है. खासतौर से जो लोग नौकरी करते हैं, उनके लिए सब कुछ पढ़ना संभव नहीं हो पाता. ऐसे में सबकुछ पढ़ने के फेर में न पड़कर स्मार्ट स्टडी करें. पिछले साल के पेपर देखें, सिलेबस देखें और तय करें कि कौन सा एरिया आपके लिए जरूरी है और किस किताब में क्या छोड़ना है. यह छोड़ना भी ऐसा होना चाहिए कि आप कैलकुलेटेड रिस्क लें उससे ज्यादा नहीं. यह अभ्यास से ही पता चलेगा.
दूसरे छात्रों को नागार्जुन की सलाह
नागार्जुन कहते हैं कि इस परीक्षा में सफलता के लिए हार्डवर्क और डेडिकेशन मैटर करता है. आप पहले क्या थे या आपके अंक पहले कैसे आते थे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. यानी अपने पास्ट को कभी भी खुद पर हावी न होने दें. वर्तमान में जिएं. अगर आप मेहनत करेंगे तो सफल जरूर होंगे. कई बार सफलता मिलने में कुछ वक्त लग सकता है। साथ ही कई कोशिश करनी पड़ सकती हैं, लेकिन निराश न हों और अपना कांफिडेंस बनाए रखें. अगर आपके इरादे दृढ़ हैं और कड़ी मेहनत कर रहे हैं तो सफलता जरूर मिलेगी.
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