Success Story Of IAS Topper Nandini Maharaj: यूपीएससी में किसी को जल्दी सफलता मिल जाती है, तो कई लोगों को लंबा संघर्ष करना पड़ता है. आज आपको यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर आईएएस अफसर बनने वाली नंदिनी महाराज की कहानी बताएंगे, जो अपने पहले प्रयास में प्री परीक्षा तक पास नहीं कर पाई थीं. लेकिन उन्होंने खुद को मोटिवेट रखा और दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 42 प्राप्त कर अपना सपना पूरा कर लिया. नंदिनी ने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. खास बात यह रही कि नंदिनी ने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी कर यह मुकाम हासिल किया.


यूके से हासिल की एमए की डिग्री


नंदिनी पढ़ाई में हमेशा होशियार रहीं और उनके माता-पिता दोनों ब्यूरोक्रेट हैं. ऐसे में उनका झुकाव हमेशा से यूपीएससी की तरफ रहा. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने दिल्ली के कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे मास्टर्स करने के लिए यूके चली गईं. वहां से डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उनका हमेशा से इस फील्ड में जाने का मन था ऐसे में उनके परिवार वालों ने भी काफी सपोर्ट किया. इसकी वजह से उनका कॉन्फिडेंस काफी हाई रहा.


ऐसा रहा यूपीएससी का सफर


वैसे तो नंदिनी का यूपीएससी का सफर बहुत लंबा नहीं रहा लेकिन पहले प्रयास में वे प्री परीक्षा पास नहीं कर पाईं. लेकिन इससे वे निराश नहीं हुईं और उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारकर दूसरा प्रयास बेहतर तरीके से किया. खास बात यह रही कि उन्होंने यूपीएससी की एक कोचिंग में पढ़ाना शुरू कर दिया. इससे उनकी खुद की भी अच्छी तैयारी हो गई और दूसरों की भी मदद कर पाईं. दूसरे प्रयास में उनकी तैयारी इतनी अच्छी रही कि उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 42 प्राप्त कर ली.


यहां देखें नंदिनी का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू


 


दूसरे कैंडिडेट्स को नंदिनी की सलाह


नंदिनी कहती हैं कि उन्होंने नौकरी के अलावा 6-7 घंटे पढ़ाई के लिए निर्धारित किए. अगर आप मन लगाकर इतने घंटे हर दिन पढ़ाई करेंगे तो आप यूपीएससी में जरूर सफलता प्राप्त कर सकते हैं. वे कहती हैं कि पिछले साल के क्वेश्चन पेपर जरूर देखने चाहिए उनसे आपको अंदाजा हो जाता है कि परीक्षा में किस तरह के सवाल पूछे जाते हैं. इस हिसाब से अपनी तैयारी करें और परीक्षा के दिन बेहतर तरीके से आंसर देने की कोशिश करें. अगर आप सही दिशा में तैयारी करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी.


IAS Success Story: विदेशी कंपनी की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की, बार-बार मिली असफलता लेकिन नहीं मानी हार और रवि बन गए आईएएस


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