Success Story Of IAS Topper Nishant Jain: आज के दौर में अंग्रेजी को योग्यता से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें यह नहीं पता होता कि अंग्रेजी सिर्फ एक भाषा है. यह योग्यता का पैमाना नहीं हो सकता. आज आपको आईएएस अफसर निशांत जैन की कहानी बताएंगे, जो एक हिंदी मीडियम के स्टूडेंट रहे. यहां तक कि उन्होंने यूपीएससी में भी अपना माध्यम हिंदी ही रखा और दूसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया. उनकी कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं.
हाईस्कूल के बाद नौकरी शुरू की
निशांत बेहद ही साधारण बैकग्राउंड में पले-बढ़े. वे अपना खुद का खर्चा उठाने में यकीन रखते थे, ऐसे में उन्होंने दसवीं के बाद कोई ना कोई नौकरी करने का फैसला किया. आपको जानकर हैरानी होगी कि निशांत ने 12वीं ग्रेजुएशन और एमए के दौरान भी नौकरी नहीं छोड़ी. इसके बाद निशांत जैन ने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया. उनकी पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई थी. इसलिए उन्होंने यूपीएससी का सफर भी हिंदी मीडियम के साथ जारी रखने का प्लान बनाया.
हिंदी को बनाया मजबूती
निशांत की हिंदी पर शुरू से ही काफी अच्छी कमांडर रही. ऐसे में उन्होंने सोचा कि अगर यूपीएससी में भी अपने सवालों का जवाब प्रभावशाली तरीके से देना है तो हिंदी भाषा को ही मजबूत करना होगा. इसके साथ उन्होंने अपनी रणनीति बनाई और तैयारी में जुट गए. उन्होंने कड़ी मेहनत कर यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाए. इससे घबराए बिना उन्होंने दूसरा प्रयास और बेहतर तरीके से किया. यूपीएससी 2014 की परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 13 प्राप्त की. इस तरह एक हिंदी माध्यम का युवा आईएएस अफसर बन गया.
यहां देखें निशांत जैन का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को निशांत की सलाह
निशांत का मानना है कि अगर आपको यूपीएससी में सफलता प्राप्त करनी है तो हिंदी के अलावा अंग्रेजी पर भी अच्छी कमांड बना लें. वे कहते हैं कि आज के दौर पर इंटरनेट पर बहुत सा ऐसा मटेरियल उपलब्ध है, जो यूपीएससी के लिए अच्छा है. लेकिन इसमें से ज्यादातर मटेरियल इंग्लिश में है. ऐसे में अगर आपको अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान होगा तो आप उसे आसानी से समझ सकते हैं. इसके अलावा आप भाषा को बैरियर बनाए बिना कड़ी मेहनत करें और अच्छी रणनीति बनाएं. लगातार मेहनत करने पर आप किसी भी भाषा में परीक्षा देकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
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