(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
IAS Success Story: कभी इंजीनियरिंग की फीस के लिए गिरवी रखा था घर और खेत, फिर इस तरह माधव गिट्टे बने आईएएस अफसर
माधव का बचपन बेहद गरीबी के बीच गुजरा. जब वे 11वीं क्लास में थे, उस वक्त उनकी मां का निधन हो गया. तमाम संघर्षों के बीच उन्होंने मेहनत कर अपनी किस्मत बदली.
Success Story Of IAS Topper Madhav Gitte: वैसे तो आज तक आपने यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाले कई कैंडिडेट्स की कहानी सुनी होंगी, लेकिन आज आपको बेहद संघर्ष करके अपनी किस्मत बदलने वाले आईएएस अफसर माधव गिट्टे की कहानी बताएंगे. महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले माधव के माता-पिता अशिक्षित थे और उनके पास आय का कोई ठोस साधन नहीं था. दोनों खेती और मजदूरी करके परिवार को पालते थे. ऐसी स्थिति के बीच माधव ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई की. इसी दौरान उनकी मां का कैंसर से निधन हो गया. इसके बाद उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और जिंदगी और भी संघर्षपूर्ण हो गई. सब गिरवी रखकर उन्होंने इंजीनियरिंग की. इसके बाद यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनने का सपना साकार कर लिया.
बचपन से किया संघर्ष
माधव के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी और उनके माता-पिता खेती और मजदूरी करके घर चलाते थे. जब माधव 11वीं क्लास में थे, उस वक्त कैंसर के कारण उनकी मां का निधन हो गया. उनके परिवार के पास जो भी पैसा था उन्होंने इलाज में लगाया, लेकिन वे बच नहीं सकीं. इस गंभीर स्थिति में माधव ने जैसे तैसे मजदूरी करके अपनी 12वीं तक की पढ़ाई की. आपको जानकर हैरानी होगी कि वे रोज 22 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल पढ़ने जाते थे.
इंजीनियरिंग के लिए घर और खेत गिरवी रखा
12वीं के बाद माधव ने एक डिप्लोमा किया, जो उन्होंने लोगों से पैसे उधार लेकर किया था. माधव के वहां बहुत अच्छे नंबर आए और उन्हें पुणे के एक कॉलेज में इंजीनियरिंग में दाखिला लेने का ऑफर मिला. माधव के घर की स्थिति बेहद कमजोर थी, ऐसे में उनके परिवार ने घर और खेत गिरवी रखकर फीस भरी. उनके 4 साल की फीस भरने के लिए पूरे परिवार को काफी मेहनत करनी पड़ी. आखिरकार इन इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने एक नौकरी ज्वाइन कर ली. इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने घर और खेत का लोन चुकाया.
ऐसे आया यूपीएससी का खयाल
माधव जब इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर रहे थे. उस वक्त उन्हें एजुकेशन लोन लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वह सिस्टम से काफी परेशान हो गए और उन्होंने फैसला किया कि वे इस सिस्टम को बदलने के लिए कोशिश करेंगे. कुछ साल नौकरी करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी. पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली. एक बार फिर उन्होंने कोशिश की और 2018 में परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन रैंक के मुताबिक इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विस मिली. आखिरकार 2019 में उन्होंने आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया. उनके इस सफर में दोस्तों ने काफी मदद की.
यहां देखें माधव गिट्टे का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को माधव की सलाह
माधव का कहना है कि अगर आप एक बार यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनने की ठान चुके हैं, तो किसी भी परेशानी से डरने की जरूरत नहीं है. आप कड़ी मेहनत और सही रणनीति के साथ इस सफर में आगे बढ़ें. परिवार और दोस्तों का सपोर्ट भी इस सफर में काफी जरूरी होता है. माधव का मानना है कि लगातार मेहनत करके आप यूपीएससी में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
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