IAS Success Story: सीमित किताबों के साथ की यूपीएससी की तैयारी और लगातार तीन बार श्वेता चौहान ने हासिल की सफलता
यूपीएससी में तमाम ऐसे लोग होते हैं. जो पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर लेते हैं, लेकिन मन मुताबिक रैंक ना मिलने की वजह से वह कई और प्रयास करते हैं.
Success Story Of IAS Topper Shweta Chauhan: यूपीएससी में हर साल लाखों लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं. इनमें से कुछ को पहले प्रयास में सफलता मिल जाती है, तो कई लोगों को यहां लंबा संघर्ष करना पड़ता है. आज आपको आईएएस अफसर श्वेता चौहान की कहानी बताएंगे, जिन्होंने लगातार तीन बार यूपीएससी परीक्षा पास कर रिकॉर्ड बना दिया. खास बात यह रही कि उन्होंने हर बार बेहतर रैंक हासिल की. उनकी रणनीति काफी सिंपल रही और उन्होंने कड़ी मेहनत की बदौलत यह मुकाम हासिल किया.
हर बार कमियों को सुधारा
श्वेता ने साल 2013 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें उनकी रैंक 575 आई. श्वेता का हमेशा से आईएएस बनने का सपना था ऐसे में उन्होंने एक एक और प्रयास करने का फैसला किया. हालांकि उन्होंने दूसरे प्रयास से पहले करीब 1 साल एक्स्ट्रा पढ़ाई की और अपनी तैयारी मजबूत करने के बाद 2015 में फिर परीक्षा में शामिल हुईं. इस बार श्वेता को ऑल इंडिया रैंक 474 मिली. इस बार भी सफलता मिलने के बावजूद उन्हें आईएएस सेवा नहीं मिली. श्वेता ने अपनी कमियों को सुधारा और साल 2016 में ऑल इंडिया रैंक 8 हासिल कर सपना पूरा कर लिया.
क्या रही उनकी रणनीति
हर कोई यह जानने की कोशिश करता है कि आखिर श्वेता ने ऐसी कौन सी रणनीति अपनाई, जिसकी बदौलत उन्होंने लगातार तीन बार यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर लिया. श्वेता के मुताबिक सबसे पहले उन्होंने यूपीएससी के सिलेबस को काफी गहराई से पढ़ा और समझा. उसके बाद एनसीईआरटी की किताबों से अपने बेसिक्स क्लियर किए. फिर श्वेता ने सीमित किताबें चुनी और उनसे बेहतर शेड्यूल बना कर कड़ी मेहनत की. कुछ चीजें उन्होंने इंटरनेट की मदद से तैयार कीं. कुल मिलाकर यह सब करने के बाद उन्होंने ज्यादा से ज्यादा रिवीजन और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस की.
यहां देखें श्वेता चौहान का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य लोगों को श्वेता की सलाह
यूपीएससी में अनोखा मुकाम हासिल करने वाली श्वेता चौहान का मानना है कि इस परीक्षा को एवरेज स्टूडेंट भी कड़ी मेहनत कर पास कर सकते हैं. वह कहती हैं कि इस परीक्षा के बारे में तमाम भ्रम हैं. ऐसे में सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें और सही रणनीति के साथ उस दिशा में मेहनत करें. एनसीईआरटी की कक्षा 6 से लेकर 12 तक की किताबों को पढ़ने के बाद स्टैंडर्ड बुक से तैयारी करें तो बेहतर होगा. अगर आप पॉजिटिव रहकर यूपीएससी की तैयारी करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी.
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