IAS Success Story: रेहाना ने समाज के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की खातिर मेडिकल फील्ड छोड़कर चुन लिया यूपीएससी का रास्ता
यूपीएससी की परीक्षा में कई ऐसे लोग शामिल होते हैं जो अपने क्षेत्र में अच्छी तरह सेटल हो चुके होते हैं, लेकिन किसी ना किसी वजह से वे सिविल सर्विस में आने का मन बना लेते हैं.
Success Story Of IAS Topper Rehana Bashir: जिन बच्चों का बचपन संघर्ष भरा होता है, उनके लिए बड़े सपने देखना मुश्किल हो जाता है. आज आपको जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले की रहने वाली रेहाना बशीर की कहानी बताएंगे, जिनका बचपन काफी संघर्षों में बीता. जब उनकी उम्र कुछ साल थी, तब उनके पिता इस दुनिया को छोड़ कर चले गए. ऐसे में उनकी जिंदगी काफी मुश्किल हो गई थी. हालांकि इन मुश्किलों के बावजूद रेहाना का सपना यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनने का था. इसके लिए उन्होंने काफी तैयारी की और अपना सपना साकार कर लिया. खास बात यह रही कि वे अपने जिले से आईएएस बनने वाली पहली महिला बनीं. आज वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
मुश्किलों भरा रहा उनका बचपन
बचपन में ही रिहाना के सिर से पिता का साया उठ गया था. ऐसे में उनकी मां ने अपने बच्चों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए काफी कष्ट सहे. रेहाना और उनके भाई को पढ़ाने के लिए मां ने हर संभव कोशिश की. रेहाना को भी अपने परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा था इसलिए वह पढ़ने में काफी गंभीर रहीं. शुरुआत से ही उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने मेडिकल की परीक्षा दी और उनका सिलेक्शन हो गया. इसके बाद उन्होंने मेडिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर ली.
ऐसे आया यूपीएससी का खयाल
रेहाना जब मेडिकल साइंस से ग्रेजुएशन कर रही थी, तब उन्होंने अपने आसपास समाज की परेशानियों को देखा. ऐसे में उन्होंने सोचा कि अगर वह सिविल सर्विस में जाएंगी, तो उनकी परेशानियों को दूर कर सकती हैं. इसी को सोचकर उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया. हालांकि यह फैसला उनके लिए काफी कठिन था क्योंकि वह ग्रेजुएशन के बाद मेडिकल साइंस के पीजी का एंट्रेंस एग्जाम पास कर चुकी थीं. अब उनके सामने दो विकल्प थे- या तो पोस्ट ग्रेजुएशन कर लें या यूपीएससी की तैयारी. काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया.
पहले प्रयास में मिली असफलता
रेहाना ने यूपीएससी की तैयारी शुरू करने के बाद पहला प्रयास किया, जिसमें होने पर असफलता मिली. पहली बार वे काफी प्रेशर महसूस कर रही थीं और इसकी वजह से उनका प्री एग्जाम भी पास नहीं हो पाया. हालांकि वे निराश नहीं हुईं और दूसरी बार और मेहनत करके परीक्षा दी. दूसरी बार वे प्री परीक्षा पास कर गईं. जब भी मैं इसकी तैयारी कर रही थी उस वक्त उनकी मां की सर्जरी हुई और उन्हें उनका खयाल रखना पड़ा. इसके बावजूद उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार सफलता प्राप्त कर ली. उनका यूपीएससी तक का सफर काफी कठिनाइयों भरा रहा लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त करके आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया.
यहां देखें रिहाना का दिल्ली नॉलेज ट्रेक को दिया गया इंटरव्यू
दूसरे कैंडिडेट्स को रेहाना की सलाह
यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को रेहाना लगातार मेहनत करने की सलाह देती हैं. वे कहती हैं कि जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें आएं, लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए और अपनी सफलता के लिए कोशिश करते रहना चाहिए. जब आप पूरा मन लगाकर किसी की तैयारी में जुट जाते हैं तो आपको सफलता निश्चित रूप से मिलती है.
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