IAS Success Story: स्लम एरिया के बच्चों की स्थिति देख सिमी करन ने इंजीनियर से आईएएस बनने का किया फैसला, ऐसा रहा सफर
आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के दौरान उन्हें स्लम एरिया के बच्चों को पढ़ाने का मौका मिला. उन्होंने उस एरिया में रहने वाले बच्चों और लोगों की जिंदगी को करीब से देखा और सिविल सेवा में जाने का फैसला किया.
Success Story Of IAS Topper Simi Karan: अगर आप खुद पर भरोसा रख कर यूपीएससी की तैयारी करेंगे तो आप यहां बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं. आज आपको 2019 सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाली सिमी करन की कहानी बताएंगे. सिमी जब आईआईटी बॉम्बे से बीटेक की पढ़ाई कर रही थीं, उस वक्त उन्हें अपने पाठ्यक्रम के तहत स्लम एरिया में बच्चों को पढ़ाने का मौका मिला. जब वहां गईं तो बच्चों की स्थिति देखकर उन्हें बुरा लगा. उन्होंने सोचा कि किसी भी तरीके से ऐसे गरीब बच्चों की मदद की जाये. काफी सोच विचार के बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया.
थर्ड ईयर से शुरू की तैयारी
सिमी करन मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाली हैं और उनकी शुरुआती शिक्षा भिलाई में हुई. दरअसल उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे और माता टीचर थीं. सिमी पढ़ाई में काफी होशियार थी और उन्होंने इंटरमीडिएट के बाद इंजीनियरिंग में सरिया बनाने का फैसला किया. लेकिन इसी दौरान स्लम एरिया में जाकर उन्होंने अपना लक्ष्य चेंज कर दिया और आईएएस बनने की ठान ली. खास बात यह रही कि सिमी ने थर्ड ईयर से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
ऐसा रहा यूपीएससी का सफर
सिमी ने सबसे पहले यूपीएससी टॉपर्स के इंटरव्यू देखें और उसके बाद इंटरनेट से सिलेबस को अच्छी तरह पढ़ने के बाद किताबें इकट्ठा करना शुरू कर दीं. उन्होंने बेहद सीमित किताबों के साथ तैयारी करने का फैसला किया. सिमी ने सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लिया और उसके हिसाब से पढ़ाई की. एक बार सिलेबस पूरा हो गया तब सिमी ने खूब रिवीजन किया. साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी में 31वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया.
यहां देखें सिमी करन का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को सिमी की सलाह
सिमी का मानना है कि एक बार जब आप अपना लक्ष्य तय कर लें उसके बाद सामने आने वाली चुनौतियों का डटकर मुकाबला करें. साथ ही अपनी रणनीति पर पूरी तरह फोकस करें. अपने सिलेबस को अच्छी तरह दिमाग में सेट कर लें और हर सब्जेक्ट को बराबर महत्व दें. पिछले साल के क्वेश्चन पेपर सॉल्व करें और तैयारी का एनालिसिस करें. यही सब बातें आपकी सफलता के लिए काफी जरूरी होती हैं.
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