IAS Success Story: एक अफसर से मिलकर बेहद प्रभावित हुए और अर्पित ने IAS बनने की ठान ली, फिर ऐसे मिली सफलता
जिंदगी में कई लोगों से हम प्रेरणा लेते हैं. उनकी तरह सफल बनने की चाह हमें अच्छे मार्ग पर ले जाती है. हालांकि किसी भी व्यक्ति को सफल होने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है.
Success Story Of IAS Topper Arpit Upadhay: यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए हर साल लाखों युवा कोशिश करते हैं. कई लोग उनमें से सफल हो जाते हैं, तो कई सफलता मिलने तक प्रयास जारी रखते हैं. आज आपको एक ऐसे इंजीनियर की कहानी के बारे में बता रहे हैं, जिनकी जिंदगी में एक शख्स से मुलाकात बेहद खास बन गई. इंजीनियरिंग का करियर छोड़कर उन्होंने उस शख्स की तरह आईएएस बनने की ठान ली और कई प्रयासों के बाद सफलता प्राप्त कर ली. पहले तीन प्रयासों में उनके हाथ असफलता लगी, लेकिन उन्होंने उससे सीखकर चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास करके लक्ष्य हासिल कर लिया.
ऐसे हुई थी मुलाकात
अर्पित उपाध्याय ने इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर एक कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया था. करीब दो साल तक उन्होंने वहां नौकरी की. इसी दौरान उनकी एक अधिकारी से मुलाकात हुई, जिनसे वे बेहद प्रभावित हो गए. अब अर्पित ने सोच लिया था कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस ही बनना है. इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी. अर्पित का सफर आसान नहीं था और उन्हें सफलता मिलने में कई साल लग गए. हालांकि उन्होंने असफलताओं से सीखा और खुद को सकारात्मक रखा. उनकी कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा है, जो असफलताओं से घबराकर प्रयास करना छोड़ देते हैं.
तैयारी में इस चीज को मानते हैं जरूरी
अर्पित के मुताबिक यूपीएससी परीक्षा में ऐस्से पेपर खास होता है, क्योंकि इससे आपकी रैंक पर सीधा प्रभाव पड़ता है. वे कहते हैं कि इस पेपर में अच्छा करके आप अपनी रैंक बेहतर कर सकते हैं. इस पेपर को पूरी गंभीरता से लेने के साथ ही अवसर के तौर पर देखें, जिसमें कम तैयारी से भी अच्छे अंक पाए जा सकते हैं. बस जरूरत है तो अभ्यास की. रोज एक ऐस्से या हफ्ते में एक ऐस्से जैसा भी आपको सूट करें या आपकी जरूरत हो, उस हिसाब से तैयारी करें. अर्पित कहते हैं ऐस्से लिखते समय सबसे जरूरी होता है उसे सिंपल रखना. उनका अनुभव कहता है कि निबंध जितना साफ, सटीक और टू द प्वॉइंट लिखा गया होगा, उतने अच्छे अंक दिलाता है. यह याद रखें कि निबंध के माध्यम से कोई आपकी भाषा की नॉलेज नहीं देखता इसलिए बहुत सजावटी या क्लिष्ट भाषा का प्रयोग न करें.
यहां देखें अर्पित उपाध्याय द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
दूसरे कैंडिडेट्स को अर्पित की सलाह
अर्पित कहते हैं कि ऐस्से की प्रैक्टिस के बाद दूसरा अहम पहलू होता है उनको इवैल्यूएट कराना. यह काम आप किसी और से भी करा सकते हैं और खुद भी कर सकते हैं. शुरू में आपको समझ नहीं आएगा पर कुछ दिनों की प्रैक्टिस के बाद जब आप अपना ऐस्से खुद इवैल्यूएट करेंगे तो समझ जाएंगे कि कहां क्या कमी है. अगले चरण में इसे दूर करने का काम करें. विषय जो भी चुनें कोशिश करें उसके हर आस्पेक्ट को कवर करते हुए लिखें. कुछ बातें पक्ष में कहें, कुछ विपक्ष में लेकिन ओवरऑल एक बैलेंस्ड अप्रोच के साथ आगे बढ़ें. यही नहीं ऐस्से को कभी समस्या या सवाल के साथ खत्म न करें. आपके विषय के अनुसार उसका जो भी पॉसिबल आंसर या सॉल्यूशन हो वह लिखें. लिखने के पहले एक पेज पर वे सभी प्वॉइंट्स लिख लें जो आप कवर करना चाहते हैं ताकि एंड में आपसे कुछ न छूटे. थोड़ी सी मेहनत और अभ्यास से इस पेपर में काफी अच्छे अंक लाए जा सकते हैं.
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