UPSC Success Story: प्राइवेट नौकरी से IAS बनने की ऐसी कहानी की आप भी हो जाएंगे प्रेरित, जानें सफलता के टिप्स
9 महीने तक प्राइवेट नौकरी की फिर उसे छोड़ पीसीएस अधिकारी बनीं और इसी दौरान यूपीएससी की सिविल सर्विसेज भी किया क्रैक. जानिए ऐसे ही एक महिला आईएएस की कहानी जिन्होंने बताया कि कैसे बनी निबंध लेखन से आईएएस
प्राइवेट नौकरी से पहले पीसीएस फिर आईएएस तक का सफर तय कर चुकी आईएएस सुरभि श्रीवास्तव की कहानी आपको जीवन में हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी. कानपुर की रहने वाली सुरभि ने अपने तीसरे प्रयास में साल 2023 में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा को पास किया. 2020 में नौ महीने प्राइवेट जॉब करने के पास उन्होंने ठाना कि वो सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगी. जिसके बाद उन्होंने पहले साल 2022 में पीसीएस की परीक्षा पास की. इस परीक्षा को पास करने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग कानपुर देहात में ही मिल गई थी.
छह महीने तक पीसीएस अधिकारी बन की इंटरव्यू की तैयारी
रावतपुर कानपुर की रहने वाली सुरभि श्रीवास्तव ने तीसरे प्रयास में 2023 की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की थी. डीपीएस कल्यानपुर से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हासिल की. इसके बाद एचबीटीआई कानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. साल 2022 में उनका चयन पीसीएस में हुआ और वह दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी बन गईं. इनकी पहली पोस्टिंग 30 अक्टूबर 2023 को कानपुर देहात में जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के रूप में हुई. इस बीच वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करती रहीं. छह महीने के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा का इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई.
09 महीने तक नोएडा में की प्राइवेट नौकरी
सुरभि पढ़ने में शुरु से ठीक रहीं, उसका लक्ष्य आईएएस अफसर बनना था. कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद सुरभि ने नोएडा की एक कंपनी में नौ महीने नौकरी की, लेकिन उन्हें आईएएस अफसर बनना है. सुरभि ने बताया कि नौकारी करने का मुख्य मकसद था कि कंप्यूटर की पढ़ाई के बाद उसे प्रैक्टिकल करके उसमें निपुण बन जाए. नौ महीने नौकरी करने के बाद 2020 में प्राइवेट जॉब छोड़ दी. सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरु कर दी. 2022 में पीसीएस बन गईं. इसके बाद भी वह लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं.
सरकारी अफसर पिता रहे प्रेरणाश्रोत
सुरभि के पिता जगदीश कुमार श्रीवास्तव बेसिक शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी हैं. सुरभि की मां अर्चना श्रीवास्तव हाउस वाइफ हैं. सुरभि ने बताया कि माता-पिता का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने हर कदम पर सहयोग किया, जिसका परिणाम ये सफलता है. उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी रहते हुए व्यक्तिव निखार में बहुत मदद मिली. इसका फायदा इंटरव्यू में मिला.
यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए भी दिए टिप्स
आईएएस सुरभि श्रीवास्तव ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे एस्पिरेंट्स के लिए कुछ टिप्स दिए जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने आईएएस बनने के लिए तैयारी की. उन्होंने खासकर निबंध लेखन को लेकर कहा कि किस तरह उन्होंने निबंध लिखकर ज्यादा नंबर स्कोर किए। उन्होंने निबंध लेखन को लेकर टिप्स भी दिए. सुरभि ने बताया कि जिस भी विषय पर आप निबंध लिखने के लिए चुन रहे हैं उनके विषय में आपको इन-डेप्थ जानकारी जरूरी है. इसके साथ ही टाइम मैनेजमेंट, बैलेंस अप्रोच, साक्ष्य और उदाहरण के साथ सरल भाषा में निबंध लिखने से ज्यादा नंबर मिलते हैं.
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