ICAI CA May Exam 2020: सुप्रीम कोर्ट में एक हियरिंग के दौरान आईसीएआई ने कहा कि 29 जुलाई से 16 अगस्त 2020 के मध्य प्रस्तावित सीए मई परीक्षाओं के आयोजन पर पुनः विचार किया जा सकता है. इसका कारण कोरोना के बढ़ते केसेस और बिगड़ती स्थिति है. आईसीएआई ने कहा कि वे देखेंगे की मई परीक्षा के आयोजन के समय स्थितियां परीक्षा कराने वाली हैं भी या नहीं. इस बारे में वे स्टेट्स और एग्जामिनेशन सेंटर्स से भी बात करेंगे. सबके मत और कोरोना की उस समय की स्थिति को देखते हुए परीक्षा आयोजित कराने या न कराने पर फैसला होगा.
क्यों है सुप्रीम कोर्ट में केस -
दरअसल आईसीएआई ने कुछ समय पहले स्टूडेंट्स को यह सुविधा दी थी कि वे चाहें तो मई एग्जाम से ऑप्ट आउट करने का ऑप्शन चुन सकते हैं. ऐसे स्टूडेंट्स नवंबर में इसी रजिस्ट्रेशन के साथ परीक्षा दे सकते हैं और यह उनका पहला प्रयास ही माना जाएगा. आईसीएआई सीए मई परीक्षा के लिए कुल रजिस्टर्ड 3,46,000 स्टूडेंट्स में से केवल 53,000 स्टूडेंट्स ने ऑप्ट आउट का विकल्प चुना. इसी बीच इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी जिसमें कहा गया कि ऑप्ट आउट का ऑप्शन देकर आईसीएआई कुछ बच्चों के साथ भेदभाव कर रहा है. उनका कहना था कि जो बच्चे कंटेनमेंट ज़ोन से हैं या जो सुदूर जगहों पर रहते हैं, जिनके यहां पब्लिक कम्यूट अभी उपलब्ध नहीं या वे जिनके यहां लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है, ऐसे स्टूडेंट्स परीक्षा नहीं दे पाएंगे और उनसे यह कीमती मौका छूट जाएगा. जबकि शहरों के बच्चे या जिन्हें कोई परेशानी नहीं है वे परीक्षा दे लेंगे. इस प्रकार ऑप्ट आउट चुनने वालों को ऑप्ट-इन चुनने वालों की तुलना में एक मौका कम मिलेगा. इसके साथ ही 15 जून को इस संबंध में की गयी घोषणा को रद्द करने की मांग की गयी. इसी दिन ऑप्ट इन और ऑप्ट आउट विकल्प दिया गया था.
इस याचिका में और भी बहुत से मुद्दे उठाये गए हैं जैसे एग्जाम सेंटर की संख्या बढ़ाना, एग्जाम सेंटर तक फ्री ट्रांसपोर्टेशन और एकोमडेशन सेंटर उपलब्ध कराना. फिलहाल कोर्ट ने आईसीएआई को सीए मई परीक्षा 2020 को लेकर लचीला रुख अपनाने के लिए कहा है. बाकी इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
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