ICSE Board To Follow CBSE’s Decision: आईसीएसई बोर्ड ने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सीबीएसई बोर्ड जो भी फैसला लेगा, उसी को वे भी मानेंगे. अंततः सीबीएसई बोर्ड ने पेंडिंग परीक्षाएं जोकि 01 जुलाई  से आयोजित होनी थी को कैंसिल कर दिया है. बोर्ड ने आगे कहा है कि अगर स्थितियां सामान्य होती हैं तो क्लास 12 की परीक्षाएं आयोजित होंगी लेकिन इन्हें देना कंपल्सरी नहीं है. स्टूडेंट्स चाहें तो परीक्षा दें और न चाहें तो परीक्षा न दें. आईसीएसई बोर्ड ने भी सीबीएसई बोर्ड की तर्ज़ पर बची परीक्षाएं फिलहाल के लिए कैंसिल कर दी हैं.


जहां दसवीं की परीक्षाएं आईसीएसई बोर्ड ने भी पूरी तरह कैंसिल कर दी हैं, वहीं 12वीं की परीक्षाओं के विषय में उनका कहना है कि वे कुछ समय बाद पेंडिंग परीक्षाओं के आयोजन के बारे में विचार कर सकते हैं. हालांकि अगर पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित होती भी हैं तो भी यह तय है कि वे ऑप्शनल होंगी. यानी कैंडिडेट चाहें तो परीक्षा दें और न चाहें तो न दें.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा बोर्ड लिखित में दे अपना फैसला –


हियरिंग के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीएसई बोर्ड अपना फैसला लिखित में नोटिस के तौर पर दे जिसमें सबकुछ ठीक तरह से साफ किया गया हो. दरअसल लिखित नोटिस आने से यूनिवर्सिटीज़ आदि को एडमीशन प्रॉसेस को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे अगली कक्षा में एडमीशन के पहले की स्थितियां साफ हो जाएंगी.


जहां तक बिना परीक्षा के स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का सवाल है तो इन स्टूडेंट्स को इंटर्नल ऐसेसमेंट के अंकों के आधार पर पास किया जाएगा. आईसीएसई बोर्ड भी यही तरीका अपनाएगा. दरअसल पेंडिंग परीक्षाओं के आयोजन का एक बड़ा कारण वे स्टूडेंट्स हैं जो एवरेज़ मार्किंग से अंक नहीं पाना चाहते. जिन्हें लगता है कि परीक्षा देकर वे बेहतर अंक ला सकते हैं. ऐसे स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा कंडक्ट कराना ही उचित है. उम्मीद है कि आने वाले समय में हालात सुधरेंगे और इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित हो पाएंगी.


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