IFS ऑफिसर की सैलरी IAS, IPS से कम नहीं होती, बनना चाहते हैं IFS ऑफिसर तो यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
इंडियन फॉरेन सर्विस (Indian Foreign Service) क्या होता है? इसे पास करने के बाद किस क्षेत्र में नौकरी मिलती है? कितनी सैलरी मिलती है? पढ़ें यह खबर.
इंडियन फॉरेन सर्विस भारतीय विदेश मंत्रालय को चलाने के लिए एक खास सेवा है. जो भारत के बाहर होने वाले कार्यों को मैनेज करती है. आईएफएस ऑफिसर (IFS Officer) दूसरे देशों यानी की अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके अलावा भारत के साथ दूसरे देश के कल्चरल रिश्ते को कैसे बढ़ावा देना इसकी जिम्मेदारी भी आईएफएस ऑफिसर को होती है. यह एक बेहद ही जिम्मेदारी वाली पोस्ट होती है.
क्या योग्यता होनी चाहिए (IFS Officer Eligibility)
आईएफएस ऑफिसर (IFS Officer) बनने के लिए किसी भी स्ट्रीम (Arts,Commerce And Science) से 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन करना जरूरी है. अगर आप डिग्री कोर्स के लास्ट ईयर में हैं तो आईएफएस ऑफिसर के लिए होने वाले प्री-एग्जाम (pre Exam) दे सकते हैं. आईएफएस ऑफिसर की परीक्षा देने के लिए कैंडिडेट की उम्र 21 साल से 30 साल के बीच होनी चाहिए.
कितनी होती है सैलरी
आईएफएस ऑफिसर (IFS Officer) को शुरुआत में 60 हजार से ढाई लाख रुपये तक सैलरी मिलती है. आईएफएस ऑफिसर्स की सैलरी कैटेगरी और रैंक के हिसाब से तय की जाती है. विदेश में पोस्टेड ऑफिसर्स की सैलरी ज्यादा होती है. जैसे कि यदि एक IFS अधिकारी को संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय दूतावास में नियुक्त किया जाता है तो वह विशेष विदेशी अलाउंस के रूप में प्रति माह लगभग 2.40 लाख पाने के लिए पात्र है.
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