पिछले 6 सालों में सबसे कम सैलरी पैकेज इस साल, क्या गिर रही है IIM अहमदाबाद के कोर्सेज की शाख?
IIM Ahmedabad Salary Package: आईआईएम अहमदाबाद के पीजीपीएक्स प्रोग्राम के कैंडिडेट्स को पिछले 6 सालों में सबसे कम सैलरी पैकेज ऑफर हुआ है. इस साल का सबसे बड़ा ऑफर भी पिछली सालों की तुलना में सबसे कम है.
IIM Ahmedabad, Lowest Salary Package In Last 6 Years: अभी आईआईटी से निकलने वाले कैंडिडेट्स की लो सैलरी और नौकरी न मिलने का मुद्दा थमा नहीं था कि एक और प्रतिष्ठित संस्थान के कैंडिडेट्स को मिलने वाले सैलरी पैकेज ने नये सवाल खड़े कर दिए हैं. बात हो रही है आईआईएम अहमदाबाद की. यहां के एक साल के पीजीपीएक्स प्रोग्राम के कैंडिडेट्स को पिछले 6 सालों में सबसे कम सैलरी इस बार ऑफर हुई है. इतना ही नहीं इस बार की जो हाईएस्ट सैलरी है, वो भी अब तक का सबसे कम सैलरी पैकैज है.
कितना पैकेज हुआ है ऑफर
आईआईएम अहमदाबाद के वन ईयर एमबीए प्रोग्राम फॉर एग्जीक्यूटिव्स (पीजीपीएक्स) को नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बार का हाईएस्ट सैलरी पैकेज साल का 54.8 लाख रुपये ऑफर हुआ है जो पिछले 6 सालों में सबसे कम है. जबकि पिछले साल यानी साल 2023 में हाईऐस्ट मैक्सिमम अर्निंग पोटेंशियल (MEP) 1.08 करोड़ गया था.
हलांकि मीडियम एमईपी में इस साल बढ़ोत्तरी हुई है और पिछले साल की तुलना में ये कुछ बढ़ा है. साल 2023 में ये 33 लाख था जो इस साल 35 लाख तक गया है.
पिछले सालों में कैसा रहा एमईपी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां साल 2023 की तुलना में इस साल मीडियम एमईपी बढ़ा है, वहीं साल 2018 से 2022 के बीच एवरेज एमईपी 70.56 लाख रुपये रहा. एग्जीक्यूवि एमबीए चुनने वाले कैंडिडेट्स के लिए जॉब मार्केट काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
ये भी जान लें कि इस कोर्स में एडमिशन ही उन कैंडिडेट्स को मिलता है जो पहले काम कर चुके हैं. इस एक साल के एमबीए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में प्रवेश के लिए जरूरी है कि कैंडिडेट ने ग्रेजुएशन करने के साथ ही कम से कम चार साल कहीं फुल टाइम काम किया हो. इतना एक्सीपीरियंस होने पर ही वे अप्लाई कर सकते हैं. ऐसे में वर्क एक्सपीरियंस होने के बाद कम सैलरी पैकेज चिंता का विषय है.
इतने कैंडिडेट्स को नहीं मिला प्लेसमेंट
कुल 147 स्टूडेंट्स में से 126 ने प्लेसमेंट का ऑप्शन चुना और 121 ने जो ऑफर मिला उसे स्वीकार कर लिया. वहीं 5 स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट ही नहीं मिला. साल 2020 के बाद अब ऐसा हुआ है जब यहां के स्टूडेंट्स को मनचाहा प्लेसमेंट न मिला हो. इस बार कैम्पस में कुल 105 रिक्रूटर्स आए थे जिनमें से कई सारे पहली बार रिक्रूटमेंट प्रोसेस में शामिल हुए थे.
इंजीनियरिंग के बाद मैनेजमेंट को भी लगी नजर
जुलाई में ही विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि आईआईटी से निकलने वाले कैंडिडेट्स को अच्छा प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है. पेन्डमिक आने के बाद से जो इकोनॉमिक स्लो डाउन हुआ था उसका असर आज भी है. इस कड़ी में अब इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के बाद मैनेजमेंट स्टूडेंट्स भी जुड़ते दिख रहे हैं.
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