कोर्ट ने रोक हटाने का आदेश देते समय इस बात को आधार बनाया कि अब तक 33,307 लोगों को एडमिशन मिल चुका है. कोर्ट ने इस बात को भी माना कि परीक्षा देने वाले 1 लाख 56 हज़ार लोगों की कॉपी दोबारा जांचना अव्यवहारिक है.
हालांकि, कोर्ट ने आईआईटी-जेईई जैसी बड़ी परीक्षा में ग़लत सवाल पूछे जाने पर नाराज़गी जताई. सरकार से इस बारे में जवाब मांगा कि भविष्य में गलती से कैसे बचा जा सकता है. इस पहलू पर 10 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी.
क्यों हुआ विवाद
इस विवाद की जड़ में है परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था की गड़बड़ी. दरअसल, जेईई यानी आईआईटी दाखिले की परीक्षा के बाद ये पाया गया कि प्रश्न पत्र में शामिल कुछ सवाल गलत थे. ऐसे में, सभी परीक्षा देने वालों को इनके बदले 18 बोनस अंक दे दिए गए.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका करने वाली ऐश्वर्या अग्रवाल समेत कई छात्रों का कहना था कि ये उनके भविष्य से खिलवाड़ है. बोनस अंक सिर्फ उन्हें मिलना चाहिए जिन्होंने सवाल को हल करने की कोशिश की. जिन्होंने सवाल छोड़ दिया, उन्हें भी बोनस अंक देने से मेरिट लिस्ट गड़बड़ हो गई है.
छात्रों की मांग थी कि इस गलती को सुधार कर दोबारा मेरिट लिस्ट बनाई जाए. अगर ऐसा नहीं हो सकता तो परीक्षा दोबारा कराई जाए.
सरकार का जवाब :-
केंद्र की तरफ से कोर्ट में पेश एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इस मांग को अव्यवहारिक बताया. उन्होंने कहा कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था है. इसलिए मुमकिन है कि कई छात्रों ने जवाब गलत हो जाने के डर से अस्पष्ट सवाल को छोड़ दिया हो. ये पता लगा पाना मुश्किल है कि किसने किस वजह से सवाल छोड़ा. इसलिए सभी को बोनस अंक दिए गए.
वेणुगोपाल ने बताया कि सबको बोनस अंक देने का फैसला सभी 11 आईआईटी के 33 प्रोफेसरों की एक्सपर्ट कमिटी ने बहुत सोच-विचार के बाद किया. हालात के मद्देनजर इससे सही फैसला नहीं हो सकता था.
कोर्ट ने क्या कहा :-
3 जजों की बेंच ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और संजय हेगड़े की दलीलों को सुनने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मौजूदा हालात में हमारा दखल देना सही नहीं होगा.
कोर्ट का मानना था कि लाखों परीक्षार्थियों की कॉपी दोबारा जांचना एक लंबी प्रक्रिया है. 19 जुलाई से कई आईआईटी में पढ़ाई शुरू होने वाली है. इसलिए, चंद छात्रों की मांग पर अब सब कुछ नए सिरे से शुरू नहीं करवाया जा सकता.
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI