IIT मद्रास जांजिबार इस बार तीन गुना ज्यादा छात्रों को देगा एडमिशन, नये बैच के लिए कुछ ऐसी है तैयारी
IIT Madras Zanzibar Admission: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास जांजीबार इस बार ज्यादा स्टूडेंट्स को एडमिशन देने पर विचार कर रहा है. नये बैच में ज्यादा स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया जाएगा.
IIT Madras Zanzibar Admission 2024 For New Batch: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास जांजीबार में प्रवेश लेने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. इस बार संस्थान ज्यादा संख्या में छात्रों को प्रवेश देने की सोच रहा है. इसके तहत पहले से तीन गुनी संख्या में कैंडिडेट्स को नये बैच में एडमिशन दिया जाएगा. ये तैयारी 2024-25 के एकेडमिक सेशन के लिए है. जो नया बैच आएगा उसमें ज्यादा संख्या में स्टूडेंट्स को प्रवेश मिलेगा.
नये कोर्सेस को मिला बढ़िया रिस्पांस
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास जांजीबार ने 6 महीने पहले जो कोर्स लॉन्च किए थे, उनको लेकर स्टूडेंट्स का रिस्पांस बहुत बढ़िया आ रहा है. इसे देखते हुए सेकेंड बैच यानी एकेडमिक सेशन 2024-25 के सेकेंड बैच में पहले तीन गुनी संख्या में स्टूडेंट्स को प्रवेश देने की योजना बनायी जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक ये जानकारी मानस प्रतिम गोहेन ने दी.
वर्तमान में चल रहे हैं दो प्रोग्राम
वर्तमान में आईआईटी में दो प्रोग्राम चल रहे हैं और अगले तीन से चार साल में यहां सात और अंडरग्रेजुएट और मास्टर लेवल के प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी है. हालांकि इन दो प्रोग्राम्स के लिए भी कैंडिडेट्स का रिएक्शन बढ़िया है. बता दें कि आईआईटी मद्रास जांजीबर ने अगस्त 2023 में दो प्रोग्राम के साथ शुरुआत की थी.
कौन से प्रोग्राम चल रहे हैं
ये हैं चार साल का बीएस प्रोग्राम और दो साल का एमटेक इन डेटा साइंस एंड एआई प्रोग्राम. एकेडमिक सेशन 2023-24 बैच के लिए स्टूडेंट्स का इनटेक 50 – 35 था. इनमें से 15 इंडियन अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम का और 8 इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम का हिस्सा थे. यूजी प्रोग्राम के 22 स्टूडेंट्स अफ्रीका से थे और करीब 40 प्रतिशत महिलाएं थी.
पहले बैच के लिए मिले थे इतने आवेदन
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास जांजीबार के पहले बैच के लिए करीब 500 आवेदन आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में संस्थान के डायरेक्टर का कहना है कि मौजूदा स्थिति में करीब 50 परसेंट स्टूडेंट्स इंडिया के हैं और बाकी के दूसरे देशों के. अभी परमानेंट कैम्पस बनना है जिस पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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