हिमाचल राज्य के सरकारी स्कूलों में नए एकेडमिक ईयर से तीसरी क्लास से संस्कृत अनिवार्य कर दी गई है. यानी तीसरी क्लास से ही अब राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चे संस्कृत भी पढेंगे. ये बदलाव नई शिक्षा नीति के तहत किया गया है. मंगलावर को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया गया था.
हिंदी की पुस्तक में ही जोड़े जाएंगे संस्कृत के दो चैप्टर
बैठक में निर्णय लिया गया कि तीसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चो को पढ़ाई जाने वाली हिंदी की पाठ्यपुस्तक में ही संस्कृत के भी दो-दो चैप्टर जोड़े जाएंगे. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शिक्षा विभाग संस्कृत के दो नए पाठ तैयार कर सिलेबस में बदलाव के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड को भेजेगा. एकेडमिक ईयर 2021-22 से स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इसे हिंदी की किताब में शामिल कर लिया जाएगा.
चौथी और 4वीं क्लास में अध्यायों की संख्या बढ़ जाएगी
गौरतब है कि छोटे बच्चों पर नए विषय का अतिरिक्त बोझ न पड़े इस कारण फिलहाल तीसरी कक्षा में संस्कृत के सिर्फ दो ही अध्याय जोड़े गए हैं. हालांकि चौथी और पांचवी कक्षा में इन अध्यायों की संख्या बढ़ाई जाएगी. शिक्षा विभाग के अधिकारियो के मुताबिक छठी कक्षा से नया विषय शुरू होने पर छात्र जरा भी असहज महसूस न करें इसीलिए तीसरी कक्षा से ही संस्कृत विषय की शब्दावली शुरू करने की पहल की गई है. जेबीटी अध्यापक बच्चों को संस्कृत का पाठ पढ़ाएंगे.इसके लिए उन्हें बकायदा ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
इसके साथ ही शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने राज्य संस्कृत अकादमी से भी तीसरी से 5वीं कक्षा के छात्रों को पढ़ाए जाने वाले संस्कृत के अध्यायों के लिए सामग्री देने के लिए कहा है. शिक्षा सचिव के अनुसार नए शैक्षणिक सत्र से इसका शुभारंभ कर दिया जाएगा.
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