दिल्ली की नई शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने 18 अप्रैल को नालंदावे फाउंडेशन (NalandaWay Foundation) की तरफ से दिल्ली के स्कूलों में कराए जा रहे 'दिल्ली आर्ट्स करिकुलम रिपोर्ट' को लॉन्च किया. दरअसल, दिल्ली सरकार के साथ मिल कर नालंदावे फाउंडेशन दिल्ली के स्कूलें में आर्ट बेस्ड एजुकेशन प्रोग्राम चलाते हैं, जिसमें बच्चों को डांस, म्यूजिक, एक्टिंग, संगीत और पेंटिग भी सिखाया जाता है. इसके साथ ही बच्चों के लिए इवेंट और प्रोग्राम भी आयोजित कराए जाते हैं, जिसमें बच्चे भाग लेते हैं और अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हैं. फिलहाल ये प्रोग्राम दिल्ली के 9 स्कूलों में चल रहा है, जिसका लगभग 3980 बच्चे और 89 टीचर हिस्सा हैं.
नालंदावे फाउंडेशन के फाउंडर और सीईओ श्रीराम वी ने इसे लॉन्चिंग इवेंट में कहा कि वो हमेशा से आर्ट्स के द्वारा समाज में बदलाव लाने में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि नालंदावे फाउंडेशन ने आज से तीन साल पहले दिल्ली सरकार के साथ एमओयू साइन किया था और आज हम दिल्ली के 9 स्कूलों में अपना पायलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं जो जल्द ही पूरे दिल्ली में लागू होगा.
क्या है नालंदावे फाउंडेशन
नालंदावे फाउंडेशन एक नॉन प्रोफिट संगठन है जो बच्चों के लिए काम करता है, खास तौर से देश के उन जिलों में जो बहुत ज्यादा पिछड़े हैं. बच्चों के साथ मिल कर यह संगठन संगीत, डांस, विजुअल आर्ट्स, थियेटर और फिल्म के जरिए उनकी समस्याओं और आवाज को उठाते हैं. नालंदावे फाउंडेशन डब्लूसीडी मॉडल पर काम करता है, यानी होल चाइल्ड डिवेलपमेंट मॉडल पर. अब तक इस संगठन से 5 मिलियन से ज्यादा बच्चों तक मदद पहुंचा दी है. फिलहाल नालंदावे फाउंडेशन तमिल नाडु, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, बिहार, झारखंड और जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिल कर काम कर रहा है.
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