India Canada Tension: भारत-कनाडा की रार इंडियन स्टूडेंट्स पर कैसे करेगी वार, बढ़ते विवाद के बीच कैसे होगी पढ़ाई?
कनाडा-भारत विवाद में भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया है और अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है. ऐसे में इस तनाव का असर छात्रों पर भी हो सकता है.
![India Canada Tension: भारत-कनाडा की रार इंडियन स्टूडेंट्स पर कैसे करेगी वार, बढ़ते विवाद के बीच कैसे होगी पढ़ाई? India Canada Tension Indian students are worried due to diplomatic situation India Canada Tension: भारत-कनाडा की रार इंडियन स्टूडेंट्स पर कैसे करेगी वार, बढ़ते विवाद के बीच कैसे होगी पढ़ाई?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/18/04439fb1d5358c9dd8494e34b319815c1721277162078140_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कनाडा और भारत के बीच बढ़ता विवाद लगातार गहराता जा रहा है. खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद शुरू हुआ विवाद बद से बदतर होता जा रहा है. विवाद के बीच भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा है. साथ ही साथ कनाडा में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है. इस तनाव का असर कनाडा में रह रहे भारतीयों खासकर छात्रों पर पड़ने वाला है.
बता दें कि कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं. इसमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है, जो हर साल कनाडा पढ़ने जाते हैं. वर्तमान में अब चर्चा इस बात की भी हो रही है कि भारत और कनाडा के बीच जिस तरह से विवाद गहराता जा रहा है, क्या उसका असर वहां रह रहे छात्रों पर भी पड़ने वाला है. आइए इस बारे में जानते हैं...
शिक्षा के क्षेत्र में कनाडा भारत पर निर्भर है. इसका कारण है कि कनाडा में पढ़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में भारत की बड़ी भूमिका है. 2022 में 800,000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 40 फीसदी से अधिक भारत से थे. आईआरसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में रिकॉर्ड 226,450 भारतीय छात्र कनाडा में अध्ययन करने गए, जो 2023 में बढ़कर 2.78 लाख छात्र हो गए. ये भारतीय छात्र कनाडा की अर्थव्यवस्था, संस्कृति में बड़ा योगदान दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें- UPSC Success Story: IAS छोड़ इस महिला ने चुना IPS, खूबसूरती की मामले बॉलीवुड एक्ट्रेस भी पीछे
जानें कैसे पड़ रहा है असर
अब कनाडा और भारत के बीच चल रहे तनाव के कारण वार्ता रोक दी गई है और इसका भारत से ज्यादा कनाडा पर असर पड़ेगा. भारतीय छात्र, अन्य अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के साथ मिलकर, कनाडा की अर्थव्यवस्था में वर्क फोर्स गैप को भरने में मदद करते हैं. खासकर कम वेतन वाली नौकरियों में. यह देश की आर्थिक वृद्धि और विकास में योगदान देता है. हालांकि, अब भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव लगातार बढ़ रहा है, तो इसके कारण भारतीय छात्रों द्वारा दायर आवेदनों में गिरावट देखने को मिल सकती है. भारतीय प्रवासियों कमी के चलते व्यापार संबंधों में बड़ी गिरावट कनाडा के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है.
यह भी पढ़ें- बैंक ऑफ महाराष्ट्र में निकली 600 पदों पर भर्ती, ग्रेजुएट कैंडिडेट्स कर सकते हैं अप्लाई
कनाडा-भारत व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर भी प्रभाव
भारत और कनाडा के बीच सीईपीए पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत चल रही है. सीईपीए में वस्तुओं का व्यापार, सेवाओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम, स्वच्छता उपाय, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और आर्थिक सहयोग के अन्य क्षेत्र शामिल होंगे. अनुमान है कि कनाडा और भारत के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता द्विपक्षीय व्यापार को 4.4-6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाएगा और 2035 तक कनाडा के लिए 3.8-5.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद लाभ देगा.
यह भी पढ़ें- इंडियन आर्मी की ऐसी रेजिमेंट…जिससे मौत भी कांपती है, खुखरी से काटते हैं दुश्मन का गला, पढ़ें इनकी कहानी
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)