आईपीएस बनने की इच्छा है तो A to Z जानकारी के लिए यहां करें क्लिक
अगर आप आईपीएस अधिकारी बनने का सपना देख रहे हैं, तो इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़े यहां आपको आईपीएस से जुड़ी विभिन्न जानकारी मिलेगी.
यूपीएससी यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. इसके बावजूद भी हर साल लाखों की संख्या में अभ्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं. इस परीक्षा को पास करने के बाद अभ्यर्थियों को देश के सबसे प्रतिष्ठित पदों पर काम करने का अवसर प्राप्त होता है. यूपीएससी के द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं को पास करने के बाद ही चयनित उम्मीदवार आईएएस, आईपीएस या आईएफएस ऑफिसर बनते है.
भारतीय पुलिस में आईपीएस एक उच्च पद होता है और इसके लिए तैयारी करने वाले अभ्यार्थी को दिन-रात कड़ी मेहनत करनी होती है. अगर आप भी आईपीएस ऑफिसर बनना चाहते है, तो इस लेख में आपको पता चलेगा कि इसके लिए तैयारी कैसे करें, और इसमें सिलेक्शन की प्रक्रिया क्या है? साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि इसके लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए और एक आईपीएस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है.आईपीएस सेवा अपने आप में केवल एक पद है जो कि राज्य पुलिस और सभी भारतीय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारियों को बल प्रदान करने का काम करता है. 1948 में आईपीएस की स्थापना की गई थी. गृह मंत्रालय को आईपीएस अधिकारियों के कैडर को नियंत्रित करने के लिए स्वीकृत किया गया. आईपीएस की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी गृह मंत्रालय के अधीन होती है.
एक आईपीएस ऑफिसर मुख्य तौर पर कानून और व्यवस्था को बनाए रखने, दुर्घटनाओं से बचने और निपटने, कुख्यात अपराधियों और अपराध को रोकने, एवं यातायात प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होता है. आईपीएस राज्य का डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस भी बन सकता है. केंद्र सरकार में एक आईपीएस ऑफिसर सीबीआई, आईबी आदि का डायरेक्टर भी बन सकता है. इसके साथ-साथ नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर के पद पर भी आईपीएस की तैनाती की जा सकती है.
आईपीएस बनने के लिए योग्यता
आईपीएस बनने की न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन है. किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किए हुए उम्मीदवार आईपीएस के लिए परीक्षा दे सकते हैं. ग्रेजुएशन में कम से कम मार्क्स का कोई नियम नहीं है. 35% नंबर लाने पर भी उम्मीदवार आईपीएस बनने की तैयारी कर सकते हैं. आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी सीएसई यानी यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम देना होता है. भारत/नेपाल/भूटान के ग्रेजुएट उम्मीदवार आईपीएस की परीक्षा दे सकते हैं. आईपीएस अधिकारी बनने के लिए उम्र सीमा 21-32 वर्ष होती है. ओबीसी को 3 वर्ष और एससी/एसटी को 5 वर्ष की विशेष छूट दी जाती है. उम्मीदवार इस बात का भी ध्यान रखें कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवार 6 बार यह परीक्षा दे सकते हैं. ओबीसी 9 बार और एससी/एसटी वर्ग से तब तक एक्जाम दे सकते हैं जब तक अधिकतम उम्र पार ना हो जाए.
आईपीएस बनने के लिए उम्मीदवारों की यूपीएससी सीएसई की परीक्षा देनी होती है. इसमें तीन स्टेज होते हैं. सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा जिसे प्री या प्रीलिम्स भी कहते है, इसके बाद मुख्य परीक्षा यानी मैंस और अंत में साक्षात्कार या इंटरव्यू राउंड होता है. साक्षात्कार में विशेषज्ञों का पैनल होता है. यह उम्मीदवार से कई तरह के प्रश्न पूछते है उनकी पर्सनालिटी की जांच करते हैं.
सिलेक्शन प्रोसेस
सबसे पहले उम्मीदवार यूपीएससी सीएसई का फॉर्म भरते है. इसके बाद प्री एग्जाम दिया जाता है. जो उम्मीदवार यह क्लीयर कर लेते हैं वे ही दूसरा चरण यानी मेंस या लिखित परीक्षा में भाग लेते हैं. इसे पास करके अभ्यर्थी इंटरव्यू में शामिल होते हैं. इसके बाद उम्मीदवार का एक मेडिकल टेस्ट लिया जाता है. इसमें ब्लड, यूरिन, बीपी, आंखों का चेकअप, वजन, चेस्ट एक्स-रे जैसी जांच भी होती हैं. प्री एग्जाम के 1 पेपर, लिखित परीक्षा के सात पेपर (लैंग्वेज को छोड़कर) और इंटरव्यू के नंबर मिलाकर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है. इसके अलावा बाकी पेपर में पासिंग मार्क्स लाना आवश्यक है क्योंकि उसके बिना वे चरण क्लीयर नहीं कर पाएंगे.
सैलरी
आईपीएस अधिकारी की सैलरी की शुरुआत 56,100 से होती है. जैसे-जैसे वे सीनियर पोस्ट पर पहुंचते हैं, सैलरी बढ़ती जाती है. उदाहरण के तौर पर आईजी यानी इंस्पेक्टर जनरल की सैलरी 1,45,000 और डीजीपी यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की सैलरी लगभग 2,25,000 होती है. सैलरी के अलावा अधिकारी को टीए, डीए, आवास, चिकित्सा, गाड़ी, बिजली, टेलीफोन, कुक, ड्राइवर, माली जैसी बहुत सारी अन्य सुविधाएं भी मिलती है. रिटायर होने पर पेंशन या ड्यूटी के दौरान जान का नुकसान होने पर उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी प्रदान की जाती है.
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