कहानी उस खूबसूरत अधिकारी की, जिसके पास नहीं थे अखबार खरीदने तक के रुपये
Ritu Suhas Success Story: आईएएस ऋतु सुहास को परीक्षा की तैयारी के लिए अखबार पढ़ने की आवश्यकता होती थी, लेकिन पैसों की कमी के कारण वह अखबार नहीं खरीद पाती थीं.
जीवन का दूसरा नाम है संघर्ष और संघर्षत व्यक्ति एक न एक दिन सफलता की इबारत लिखता ही है. आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसी ही एक खूबसूरत महिला पीसीएस अधिकारी की, जिनके संघर्ष की कहानी नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करती रहेगी, खासकर महिला वर्ग को. उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया कि उनके पास अख़बार खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे.
लखनऊ में देखा आईएएस बनने का सपना
लखनऊ में स्थानीय निकाय निदेशालय, उत्तर प्रदेश के अपर निदेशक पद पर तैनात ऋतु सुहास ने कभी लखनऊ में ही आईएएस बनने का सपना संजोया था. ऋतु सुहास का जन्म 16 अप्रैल 1976 को लखनऊ में हुआ था. उनके पिता आरपी शर्मा लखनऊ हाईकोर्ट में अधिवक्ता थे, लेकिन फिर भी परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. यही वजह रही कि उन्हें पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव की बीच ऋतु ने नवयुग गल्र्स काॅलेज से पढ़ाई पूरी की और आईएएस की तैयारी में जुट गईं.
विरोध के बाद भी जारी रखी तैयारी
ऋतु के लिए आईएएस की तैयारी करना आसान नहीं था. वह समय था, जब लड़कियों की पढ़ाई व नौकरी को लेकर इतनी जागरूकता नहीं थी. परिवार भी इस पक्ष में नहीं था कि घर की बेटी नौकरी करे, लेकिन सरकारी नौकरी का हवाला देते हुए वे तैयारी में जुटी रहीं. उनकी लगन को देखकर घरवाले उन्हें रोक नहीं सके और अंततः उन्होंने जो ठाना वह करके भी दिखाया. ऋतु ने 2004 में यूपीपीसीएस की परीक्षा पास कर ली और वे पीसीएस अधिकारी बन गईं. 2005 में मथुरा जिले में बतौर डिप्टी कलेक्टर उन्हें पहली पोस्टिंग मिली. ये ऋतू की काबिलियत ही है जो उन्हें खास प्रमोशन मिला और वह पीसीएस से आईएएस बनीं.
संघर्ष के दिन
आर्थिक संघर्ष के बीच उन्होंने जैसे-तैसे बीए की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे अपने लक्ष्य को पाने में जुट गईं. परिवार उनकी आर्थिक मदद करने में असमर्थ था. एक समय तो उनके पास अख़बार खरीदने तक के पैसे नहीं थे. बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाए, लेकिन कभी अपने आत्मविश्वास को डिगने नहीं दिया. उसी हिम्मत व मेहनत का परिणाम है कि आज वे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
कदम-कदम पर किया खुद को साबित
ऐसा नहीं कि केवल पीसीएस अधिकारी बनने तक, बल्कि ऋतु सुहास की वही लगन नौकरी में भी देखने को मिलती है. हर कदम पर उन्होंने खुद को साबित किया है. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी तैनाती हाथरस में थी. उनके पति आईएएस सुहास एलवाई उस समय डीएम थे. विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले पोलिंग पार्टियों को रवाना करने के दौरान बवाल हो गया था, जिसमें अधिकारियों को चोट भी आई थी. वह घटना पूरे देश में सुर्खियों में रही थी, लेकिन इसके बाद भी पति-पत्नी ने अपनी सूझ-बूझ से अगले दिन शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराया था. यही नहीं मतदाता जागरूकता कार्यक्रम व अन्य उत्कृष्ट कार्यों के लिए ऋतु सुहास को सम्मानित किया जा चुका है.
सोशल मीडिया फेम
ऋतु सोशल मीडिया पर भी चर्चित हैं. उनकी शादी आईएएस अफसर सुहास एलवाई से हुई है, जो कि एक पेशेवर पैरा-बेडमिंटन खिलाड़ी भी हैं. वे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर व इस वर्ष थाईलेंड में हुई विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. ऋतु सुहास 2019 में मिसेज इंडिया का खिताब भी जीत चुकी हैं. यह भी एक वजह है उनकी लोकप्रियता की.
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