Story of Kunwar Sachin: यूं तो बदलते भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. लेकिन एक अफसर (Officer) ऐसा भी है जो लाखों की नौकरी छोड़कर अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए जुट गया. ये कहानी है यूपी के जौनपुर जिले के रहने वाले कुंवर सचिन (Kunwar Sachin) की. अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए सचिन ने 31 लाख सालाना की नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए.
जौनपुर (Jaunpur) के गांव खजुरन निवासी सचिन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल बदलापुर से की. साल 2010 में वह 10वीं के बाद लखनऊ चले गए. नवाबों की नगरी लखनऊ (Lucknow) से उन्होंने 12वीं की. पढ़ाई में तेज होने के चलते उनका चयन आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) के लिए हो गया जहां उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बी.टेक (B.Tech) की डिग्री हासिल की. 2017 में उन्होंने बंगलूरू में एक ऑफिस में नौकरी शुरू की. जहां उनका सालाना पैकेज 31 लाख रुपये था. सचिन इस नौकरी से काफी खुश थे, लेकिन उनके पिता संजय सिंह (Sanjay Singh) की इच्छा थी की उनका बेटा सरकारी नौकरी करे.
सचिन के पिता की चाह थी कि सचिन सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करें. लेकिन सचिन को इस क्षेत्र के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी. लेकिन अपने पिता के सपने को पंख देने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ी और दिल्ली जाकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. सचिन ने पहली बार यूपीएससी आईएएस की परीक्षा दी. लेकिन वह इसमें असफल रहे. 2020 में दूसरा प्रयास किया. इस बार उनका प्रारंभिक परीक्षा में चयन हुआ. पिछले दिनों सचिन मेंस परीक्षा में भी शामिल हुए थे.
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IAS की तैयारी करते हुए सचिन यूपी पीसीएस 2019 की परीक्षा में शामिल हुए. जहां पहले ही प्रयास में तीनों स्टेज पास कर उन्होंने मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बनाई. सचिन अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. युवाओं से वह कहते हैं कि प्रशासनिक सेवा में उनकी रुचि नहीं थी, लेकिन उन्हें यहां तक पहुंचाने के लिए उनके पिता ने हर संभव कोशिश की.
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