International Literacy Day 2021: आज है 'विश्व साक्षरता दिवस', जानें इस दिन का महत्व और इतिहास
आज दुनिया भर में विश्व साक्षरता दिवस 2021 मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिए साक्षरता के महत्व और ज्यादा साक्षर समाजों के लिए लगातार प्रयास करना है.
International Literacy Day 2021: कोरोना महामारी के बीच विश्व साक्षरता दिवस 2021 आज, 8 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जा रहा है. यह दिन साक्षरता के महत्व को चिह्नित करने और यह याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि साक्षरता एक अधिकार है. यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड क्लचरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) ने 1966 में 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया था.
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2021: थीम
विश्व साक्षरता दिवस के लिए इस वर्ष की थीम "ह्यूमन सेंटर्ड रिकवरी के लिए साक्षरता: डिजिटल डिवाइड को कम करना" है. ILD 2021 की थीम डिजिटल साक्षरता के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए निर्धारित है. गौरतलब है कि कोरोना महामारी ने बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा में काफी प्रभावित किया है और कई मुश्किलें खड़ी की है, इसने नागरिकों के बीच ज्ञान के विभाजन को बढ़ा दिया है.
क्या है साक्षरता दिवस का इतिहास
यूनेस्को ने पहली बार 7 नवम्बर 1965 को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया था. जिसके बाद इसके लिए एक दिन निर्धारित किया गया और तभी से हर साल 8 सितम्बर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है. यूनेस्को के इस फैसले के अगले साल से ही यानी 1966 से पहली बार साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी.
क्यों मनाया जाता है विश्व साक्षरता दिवस
लोगों को साक्षर होने और सामाजिक और मानव विकास के अपने अधिकारों को जानने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. साक्षरता न केवल लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करती है बल्कि गरीबी उन्मूलन, जनसंख्या को नियंत्रित करने, बाल मृत्यु दर को कम करने आदि में भी मदद करती है. यह दिन लोगों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. यूनेस्को इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और गांवों में कई कार्यक्रम आयोजित करता है.
भारत में साक्षरता दर
भारत में 2011 में पिछली जनगणना के अनुसार कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जिलमें पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत की वृद्धि है. यूनेस्को के अनुसार देश को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष लगेंगे जो कि 2060 है.
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