राजस्थान कैडर की तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी ज्येष्ठा मैत्रेयी इन दिनों चर्चा में है. भिवाड़ी जिले की पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा ने हाल ही में अपने जिले के साइबर सेल इंचार्ज समेत सात पुलिस कर्मियों को उनकी लोकेशन लेकर लगातार जासूसी करने के आरोप में निलंबित कर दिया है. मामला तूल पकड़ने और एक आईपीएस अधिकारी की लोकेशन ट्रेस कर जासूसी करने पर पुलिस मुख्यालय जयपुर ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं. आईए जानते हैं कौन हैं ज्येष्ठा मैत्रेयी
मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं ज्येष्ठा
ज्येष्ठा मैत्रेयी मूल रूप से मध्य प्रदेश के गुना जिले के रहने वाली हैं. उनके पिता गिरीश चंद्र आर्य एमपी इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में कार्यरत है जबकि मां मंजू शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल गुना में प्राचार्या के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहीं हैं.
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बचपन से बनना चाहती थीं आईएएस
2018 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद दिए एक इंटरव्यू में ज्येष्ठा ने कहा था कि वह बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थी. अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए वह कड़ी मेहनत करती थी. हालांकि वह आईएएस तो नहीं बन सकी लेकिन 2018 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी जरूर बन गई.
आईपीएस बनने से पहले रहीं डीएसपी
यूपीएससी की परीक्षा पास करने से पहले ज्येष्ठा मैत्रेयी ने मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा दी थी. 2014 में इस परीक्षा में न सिर्फ वह पास हुईं बल्कि उनका डीएसपी के पद पर चयन हो गया. कुछ समय के लिए उन्होंने मुरैना जिले में डीएसपी के तौर पर काम भी किया था. हालांकि मन में आईएएस बनने का सपना लिए ज्येष्ठा ने यूपीएससी की तैयारी की और डीएसपी रहते हुए परीक्षा दी.
आई थी ऑल इंडिया 156वीं रैंक
यूपीएससी की परीक्षा में ज्येष्ठा की ऑल इंडिया 156वीं रैंक आई थी. इसके साथ ही वह राजस्थान कैडर की आईपीएस अधिकारी बन गई. अंडर ट्रेनिंग आईपीएस के तौर पर ज्येष्ठा की पहली पोस्टिंग उदयपुर जिले के गिरवा सर्कल में हुई थी. यहां से वह भीलवाड़ा की एएसपी बनाई गईं. इसके बाद डीसीपी क्राइम जयपुर के पद पर भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी. वहां से वह सिरोही कोटपूतली बहरोड में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात रही. फरवरी 2024 में सरकार ने उन्हें एसपी भिवाड़ी के पद की जिम्मेदारी दी.
छुट्टी रहते ट्रेस करते थे लोकेशन
जिस जासूसी प्रकरण में वह चर्चा में है, उसकी प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एसपी भिवाड़ी के तौर पर वह जब भी छुट्टी पर जाती थी, तो साइबर सेल इंचार्ज श्रवण जोशी अपने साथी पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर उनकी लोकेशन ट्रेस किया करता था. मामला सामने आने पर जोशी समेत साइबर सेल के सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही पुलिस मुख्यालय जयपुर ने इस मामले की जांच एससी-एसटी सेल के डीएसपी को दे दी गई है.
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