IPS Success Story: जज्बा हो तो कुछ भी करना नामुमकिन नहीं, जानें IPS प्रीती की सफलता की कहानी
UPSC Success Story: आईपीएस प्रीती ने वर्ष 2008 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. इस परीक्षा में उन्होंने 255वीं रैंक प्राप्त की थी. प्रीति की मां ने उन्हें पढ़ाई के लिए काफी प्रोत्साहित किया था.
IPS Success Story: यदि मन में किसी मंजिल को पाने का संकल्प, जज्बा हो तो यकीन मानिए कोई भी मंजिल नामुमकिन नहीं होती. कुछ ऐसी ही कहानी है प्रीति चंद्रा की जो बनना तो पत्रकार चाहती थी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. प्रीति चंद्रा ने पत्रकार बनने के बाद यूपीएससी की परीक्षा दी और आईपीएस अधिकारी बन गईं. आज उनके नाम से बड़े बड़े अपराधी भी कांप उठते हैं.
प्रीति अलवर में एएसपी के पद पर, बूंदी में एसपी और कोटा एसीबी में एसपी के पद पर तथा अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहीं. उन्होंने बूंदी में देह व्यापार में बच्चियों को धकेलने वाले एक गिरोह का खुलासा कर अपराधियों को सलाखों तक पहुंचाया था. वह दस हजार रुपये के इनामी डकैत हरिया गुर्जर, रामलखन गैंग के श्रीनिवास, श्री राम गुर्जर, कला जैसे कई डकैतों और उनके सहयोगियों को पकड़ चुकी हैं.
255वीं रैंक की हासिल
आईपीएस प्रीति का जन्म राजस्थान में सीकर के गांव कुंदन में सन 1979 में हुआ था. आईपीएस प्रीति चंद्रा की दसवीं तक की शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई. जयपुर के महारानी कॉलेज से उन्होंने एमए किया. उन्होंने बीएड, एमए और एमफिल की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने जयपुर से पत्रकारिता की शुरुआत की. उन्होंने पत्रकारिता के दौरान ही जयपुर में रह कर बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में प्रीति ने सन 2008 के यूपीएससी परीक्षा में 255 वीं रैंक हासिल की.
मां ने किया पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित
प्रीति की मां पढ़ी लिखी नहीं थी लेकिन शिक्षा की अहमियत को वह अच्छे से जानती थीं. उन्होंने प्रीति को पढ़ाई के लिए काफी प्रोत्साहित भी किया. प्रीति के पति विकास पाठक भी पुलिस महकमे में डीआईजी हैं. दोनों ने लव मैरिज की.इन दोनों की मुलाकात मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में हुई थी.
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