IPS Success Story: बिना कोचिंग लिए सिमाला बनीं आईपीएस, नक्सली भी खाते हैं खौफ
Success Story: दृढ़ प्रतिज्ञ मनुष्य संसार को अपनी इच्छा के अनुसार झुका लेता है. यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को कुछ ऐसी ही प्रेरणा आईपीएस सिमाला की सफलता की कहानी देती है.
Success Story of IPS: यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी लाखों लोगों करते हैं. इस परीक्षा में प्रतिभाग करने वाले अधिकांश लोग कोचिंग लेते हैं. बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो बिना कोचिंग के सेल्फ स्टडी (Self Study) से परीक्षा देते हैं और पास भी होते हैं. मध्य प्रदेश के भोपाल में जन्मी आईपीएस अधिकारी सिमाला प्रसाद उन्हीं में से एक हैं जिन्होंने बिना कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा पास की है. सिमाला (Simala) के नाम से नक्सली भी डरते हैं.
मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी सिमाला प्रसाद का जन्म 8 अक्टूबर 1980 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में हुआ. खुद से अपनी पहचान बनाने वाली आईपीएस सिमाला नक्सली क्षेत्र में अपने खास अंदाज के लिए जानी और पहचानी जाती हैं. कई क्षेत्रों में अपनी काबिलियत के दम पर अपना परचम फहरा रही हैं. उनकी सफलता (Success) की कहानी से लोग प्रेरणा भी ले सकते हैं.
सिमाला का मानना है कि सिविल सर्विसेज परीक्षा को सही गाइडेंस और सेल्फ स्टडी के दम पर पास किया जा सकता है. इसके लिए अभ्यर्थियों को सिलेबस और एग्जाम पैटर्न (Syllabus & Exam Pattern) का एनालिसिस करना होगा. सिमाला प्रसाद (IPS Officer Simala Prasad) ने अपनी पढ़ाई सेंट जोसफ कोएड स्कूल से शुरू की थी. इसके बाद उन्होंने ‘स्टूडेंट फॉर एक्सीलेंस’ (Student For Excellence) से बीकॉम किया. भोपाल के बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से उन्होंने सोशियोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन (Post Graduation) किया. वह कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट (Gold Medalits) रही.
डीएसपी रहते हुए यूपीएससी की तैयारी
सेल्फ स्टडी कर पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर आईपीएस बनने से पहले सिमाला ने पीएससी परीक्षा पास की थी. तब उन्हें पहली पोस्टिंग डीएसपी (DSP) के पद पर मिली थी. डीएसपी के पद पर रहते हुए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी. परीक्षा पास कर वह आईपीएस अधिकारी बनी. सिमाला प्रसाद ने नवंबर 2016 में इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्वींसलैंड जो बतौर प्रीमियर प्रदर्शित हुई थी में शम्मी का रोल निभाया है. इस फिल्म में मदरसे से स्कूल तक की कहानी को दर्शाया गया है. ये तालीम की अहमियत को अच्छे तारीके प्रस्तुत करने वाली फिल्म है. यह फिल्म फरवरी 2017 में रिलीज हुई थी.
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