नीट यूजी परीक्षा और यूजीसी नेट परीक्षा का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ था कि अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी पिछले वर्षों में आए सवाल एंट्रेंस एग्जाम में पूछ लिए हैं. जिसके बाद एक शख्स ने संस्थान के परीक्षा नियंत्रक को एक पत्र लिखा है.


शिकायतकर्ता शमशीर आलम ने पत्र में कहा है कि जामिया मिलिया इस्लामिया की ओर से आयोजित एमबीए (एम55) प्रवेश परीक्षा 2024 में पिछले वर्षों के सवालों को दिया गया. संस्थान पर आरोप लगाया गया है कि परीक्षा के दौरान सेट- ए में पूछे गए 170 में से 152 सवाल सीधे तौर पर कैट परीक्षा 2017, 2018 और 2019 के पेपरों से कॉपी किए गए हैं. पत्र में कहा गया है कि इन सवालों को केवल कॉपी ही नहीं किया गया बल्कि इनमें जरा सा भी बदलाव नहीं किया गया है.


सीओई को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय होने के नाते जामिया मिलिया इस्लामिया को परीक्षा आयोजित करने के पीछे के उद्देश्यों को समझना चाहिए. विश्वविद्यालय हर साल सवालों की नकल करने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. पिछले कुछ सालों में एसएससी और बैंकिंग परीक्षाओं से भी सवाल कॉपी किए जाने का आरोप है. जिससे अब ये सवाल उठ रहा है कि आखिर विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित क्यों करता है.


पत्र में ये भी कहा गया है कि इस मामले से परीक्षा प्रणाली की अखंडता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं. कहीं न कहीं इससे कुछ छात्रों को अनुचित लाभ मिल सकता है, खासकर यदि उन्हें पता चल जाए कि आगामी परीक्षा के लिए कैट के किस साल के सवाल महत्वपूर्ण हैं. मामले में परीक्षा नियंत्रक से शिकायतकर्ता ने कहा है कि शिक्षा जगत से जुड़े लोगों की मांग है कि इस मामले की गहन जांच की जाए. इस तरह के मामलों से संस्थान की छवि खराब होती है.


इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने कौन सा प्रश्न CAT परीक्षा के कौन से वर्ष के पेपर से उठाया गया है. इस बात का भी जिक्र किया है. मामले में जेएमआई के एक अधिकारी का कहना है कि उच्च अधिकारियों से बात की जा रही है. उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.


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