जामिया मिलिया इस्लामिया में नियमित कुलपति का पद छह महीने से अधिक समय से खाली पड़ा है. जिसको लेकर अब फैकल्टी ने पीएम को पत्र लिख तत्काल इस पद पर नियुक्ति के लिए अनुरोध किया है. बीते दिनों कार्यवाहक वाईस चांसलरों को आंतरिक चुनौतियों का सामना पड़ा था. ऐसे में अब संस्थान को एक परमानेंट कुलपति की जरूरत है.


दरअसल, जामिया मिलिया इस्लामिया में पिछले छह महीने से नियमित कुलपति का पद खाली है, जिससे फैकल्टी सदस्यों में चिंता बढ़ रही है. उनका मानना है कि इस रिक्त पद का संस्थान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने हाल ही में पीएम मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया है. बता दें कि पिछले नियमित कुलपति का कार्यकाल 12 नवंबर 2023 को समाप्त हो गया था.  


चुनौतियों का करना पड़ा सामना


रिपोर्ट्स के अनुसार विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है. दो कार्यवाहक कुलपतियों की नियुक्ति की गई है, लेकिन दोनों नियुक्तियों को आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई में प्रोफेसर इकबाल हुसैन की कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्ति को रद्द कर दिया. अदालत ने कहा कि उनकी नियुक्ति विधान के अनुसार नहीं थी. अदालत ने भारत के राष्ट्रपति से अंतरिम रूप से एक नियमित कुलपति की नियुक्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया.


नहीं जारी किया गया नोटिफिकेशन


फैकल्टी सदस्यों के मुताबिक नियमित कुलपति की अनुपस्थिति ने विश्वविद्यालय की समग्र क्षमता के लिए कई बाधाएं पैदा की हैं. इन चुनौतियों में पदोन्नति, नियुक्तियां और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने में असमर्थता शामिल है. कुलपति पद के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग फरवरी 2024 में की गई थी. इस प्रक्रिया के बाद संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की गई है. नियुक्ति के लिए अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है. इस मामले पर ध्यान देने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.


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