जम्मू-कश्मीर में विभिन्न अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के लगभग 75000 फर्स्ट ईयर के छात्रों के अलावा विभिन्न अनुसूचित जनजाति समुदायों के 2000 स्कूली छात्रों को टैबलेट दिए जाएंगे. ये घोषणा केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने रविवार कश्मीर के अपने पांच दिवसीय दौरे का समापन करते हुए की. मंत्री ने विभिन्न एजुकेशन इंस्टीट्यूट की विजिट भी की थी और अपने दौरे के दौरान अधिकारियों और हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श भी किया था. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर की गई उनकी यात्रा का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में शिक्षा के बुनियादी ढांचे की जमीनी हकीकत को समझना था.
शिक्षा विभाग भविष्य में मिशन मोड में काम करेगा
सुभाष सरकार ने कहा कि हायर एजुकेशनल डिपार्टमेंट द्वारा अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के सभी प्रथम वर्ष के छात्रों के बीच 75000 टैबलेट वितरित किए जाएंगे. इसी तरह, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदिवासी समुदायों के छात्रों के बीच 2 000 टैबलेट वितरित किए जाएंगे.मंत्री ने जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उस पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि शिक्षा विभाग भविष्य में अपने प्रदर्शन में सुधार और अपग्रेडेशन के लिए मिशन मोड में काम करेगा.
जल्द क्षेत्र के कॉलेजों में वोकेशनल कोर्सेज शुरू होंगे
उन्होंने यह भी कहा कि स्किल डेवलपमेंट को एक सब्जेक्ट के रूप में पेश किया जाएगा और निकट भविष्य में क्षेत्र के सभी कॉलेजों में वोकेशनल कोर्सेज भी शुरू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार खोजने में मदद मिलेगी. सरकारी स्कूलों में सुविधाओं के अपग्रेडेशन के बारे में बात करते हुए, सुभाष सरकार ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के सरकारी स्कूलों में 2000 किंडरगार्टन कक्षाएं स्थापित की गई हैं.
प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने की अपील की
उन्होने कहा कि जब प्री-पाइमरी एजुकेशन और चाइल्डहुड केयर की बात आती है तो यह सरकारी और निजी स्कूलों के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगा, MoS ने प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के लाभों के बारे में भी बात की और सभी एलिजिबल कैंडिडेट्स से आगे आने और इस योजना का लाभ लेने की अपील भी की.
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