इन टिप्स की मदद से छात्र करें जेईई मेंस परीक्षा की तैयारी, मिलेगी सफलता
जेईई परीक्षा में सफलता पाने के लिए छात्र-छात्राएं मॉक टेस्ट दें. इससे छात्रों को परीक्षा के पैटर्न का पता लगेगा और परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
जेईई मेन परीक्षा को क्लियर करके अभ्यर्थियों को अधिसूचना की मदद से एनआईटी, आईआईटी और अन्य केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन दिया जाता है. हर वर्ष कई अभ्यर्थी तैयारी की कमी, सही कॉलेज न मिलने, स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण एक वर्ष का ड्रॉप लेते हैं. ड्रॉप लेने के कारण उनके पर्सनल भी हो सकते हैं, लेकिन अंतिम लक्ष्य अभ्यर्थियों का अच्छे रैंक के साथ जेईई मेन की परीक्षा को पास करना होता है. एक वर्ष के लिए ड्रॉप लेना उन छात्रों का फैसला है जो परीक्षा देने के अगले प्रयास में अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहते हैं.
इन टिप्स की मदद से अभ्यर्थी अपने जेईई के रिजल्ट को सुधार सकते है. अभ्यर्थी ही अपनी कमजोरियों को बेहतर जानते हैं इसलिए उन्हें मजबूत करने पर उनके ध्यान देना चाहिए. ऐसा कुछ भी ना करें जिससे की परीक्षा में प्रदर्शन खराब हो. अभ्यर्थियों को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और अपनी तैयारी पर भरोसा रखना चाहिए. अभ्यर्थियों को कुछ विषयों को पूरा करने के बाद एक मॉक टेस्ट या पिछले सालों के सवाल को हल करना चाहिए, जो उनकी तैयारी में प्रगति प्रदान करने का काम करेंगे. अभ्यर्थियों को परीक्षा के परिणाम का मूल्यांकन भी करना चाहिए. इससे उन्हें कमजोर विषयों में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
मॉक टेस्ट दें
मॉक टेस्ट लेने से परीक्षार्थी की गति और सटीकता में भी सुधार आता है और मॉक टेस्ट के माध्यम से परीक्षा का पैटर्न और पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार से भी पता लगता है. अगर अभ्यर्थी ने पहले ही स्व-अध्ययन किया है या पत्राचार पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है तो वे अपनी राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग की जांच करने के लिए अखिल भारतीय टेस्ट सीरीज के साथ क्रैश कोर्स ले सकते हैं. परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को रात में 6 से 7 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है जिससे की वे परीक्षा स्थल पर समय से पहुंच सके. परीक्षा के दिन छात्र अपना एडमिट कार्ड ले जाना बिलकुल न भूलें. प्रश्न पत्र पर दिए गए सभी निर्देशों को अभ्यर्थियों को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए.
जिन प्रश्नों का अभ्यर्थी प्रयास कर चुके हो वे उन प्रश्नों को अधिकतम करने के लिए उन विषयों से शुरुआत करें. प्रत्येक विषय पर 45 मिनट से अधिक का समय न दे. दूसरे प्रयास में शेष प्रश्नों को हल करने के लिए अंतिम 45 मिनटों का प्रयोग करें. उन प्रश्नों का अनुमान के अनुसार उत्तर दें जिनमें नकारात्मक अंक नहीं दिए जाते हैं.
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