All India Institute of Medical Science: देश के सभी 19 नए एम्स इन दिनों चिकित्सक व स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहे हैं. सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक इन खाली पदों को भरा नहीं गया है. आलम यह है यहां आधे से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं. जिनमें एसआर (सीनियर रेजीडेंट) व जेआर (जूनियर रेजिडेंट) सहित कर्मचारियों के विभिन्न पद शामिल हैं. जो प्रतिवर्ष 50.7 प्रतिशत से खाली ही रहते हैं. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार (Union Minister of State for Health Dr. Bharti Pravin Pawar) ने लोकसभा में टीएमसी सांसद नुसरत जहां रूही (TMC MP Nusrat Jahan Ruhi) के प्रश्न पर जवाब देते हुए दी है.


इतना ही नहीं सभी एम्स को संरक्षण प्रदान करने वाला दिल्ली-एम्स भी 36 प्रतिशत स्टाफ की कमी के साथ अपनी सेवाएं दे रहा है. यहां एसआर (Senior Resident) के 34 प्रतिशत और जेआर (Junior Resident) के 21 प्रतिशत पद पिछले काफी समय से खाली पड़े हुए हैं. भारती प्रवीण पवार के अनुसार भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश के हर एम्स में 303 फैकल्टी पद स्वीकृत हैं. इनमें सबसे खराब स्थिति पटना एम्स में बनी हुई है. क्योंकि यहां 57 प्रतिशत यानी कि 173 फैकल्टी के पद खाली पड़े हुए हैं. रायपुर में 152, भोपाल में 102, ऋषिकेश में 102, भुवनेश्वर में 77 और जोधपुर में 76 पद खाली हैं.


एम्स देवघर का प्रधानमंत्री ने किया था उद्घाटन, यहां भी खराब है स्थिति
एम्स देवघर (AIIMS Deoghar) का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था. इसे 53.5 प्रतिशत स्टाफ की कमी के बावजूद चालू कर दिया गया. यहां कुल 183 फैकल्टी पदों (Faculty Posts) में से 98 पद अभी भी खाली चल रहे हैं. झारखंड एम्स में 1018 स्वीकृत नॉन फैकल्टी पदों में से 797 पद खाली हैं.


मदुरै एम्स में सिर्फ आठ पदों पर नियुक्त हुई है फैकल्टी
मदुरै एम्स (AIIMS Madurai) में सरकार अभी तक सिर्फ आठ पदों पर फैकल्टी नियुक्त कर पाई है. यहां कुल 183 फैकल्टी पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 175 पद रिक्त पड़े हैं. वहीं, एक भी गैर-फैकल्टी पद पर अभी तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है.


उच्च मानकों को बनाए रखने से नहीं भर पाए हैं पद - केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि एम्स में अतिरिक्त सेवाओं और सुविधाओं की सीमा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकता के आधार पर भर्तियां की जाती हैं. रिक्त पदों की स्थिति पर सरकार हर समय नजर बनाए रखती है. आवश्यकता होने पर रिक्त पदों पर भर्ती करते हैं. हालांकि यह भी सत्य है कि चयन प्रक्रिया में उच्च मानकों को बनाए रखने के चलते यह सभी खाली पद भरे नहीं जा सके हैं. उन्होंने बताया कि सभी 19 नए एम्स में एसआर के 2794 स्वीकृत पद हैं, जिनमें 1173 पद रिक्त हैं. जेआर के 2502 पद में से 461 पद खाली पड़े हैं.


दिल्ली एम्स में 411 फैकल्टी पद हैं खाली
एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) में 5,340 में से 2,547 पद खाली पड़े हैं. विभिन्न विभागों में 411 फैकल्टी पद भी रिक्त चल रहे हैं. 17 प्रतिशत कर्मचारियों की कमी भी है. जो रोगियों की देखभाल के लिए रखे जाते हैं.


यह हैं आंकड़े
सभी नए एम्स में 35,362 नॉन फैकल्टी पदों में से 17,941 पद खाली पड़े हैं. जबकि दिल्ली एम्स में 12,558 पदों में से 2,119 नॉन फैकल्टी पद खाली भी पड़े हैं.


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