आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटजीपीटी एक उभरता हुआ करियर है. मौजूदा दौर में इस क्षेत्र में माहिर युवाओं की मांग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम कंपनियां एआई एक्सपर्ट को अपनी ओर खींचने के लिए सिक्स डिजिट सैलरी ऑफर कर रही हैं.
समय के साथ नई तरह के करियर बूम पर हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या चैटजीपीटी के क्षेत्र में कई कंपनियां अब प्रॉम्प्ट इंजीनियरों को नियुक्त कर रही हैं. ताकि पूछे जाने वाले प्रश्नों के सटीक और प्रासंगिक उत्तर दिए जा सकें. चैट जीपीटी के चर्चा में आने से पहले तक प्रॉम्प्ट इंजीनियर जैसे शब्द ज्यादा लोगों के कानों तक नहीं पहुंचे थे. कुछ ही महीनों में इस फील्ड में जबरदस्त उछाल देखी गई है.
क्या करता है प्रॉम्प्ट इंजीनियर
प्रॉम्प्ट इंजीनियर मशीन के मानव की तरह व्यवहार करने की संभावनाओं का पता लगाता है. उसकी कोशिश रहती है कि एआई से सबसे सही प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए बेहतर प्रश्न कैसे पूछे जाएं ? इसमें आमतौर पर मजबूत भाषा कौशल शामिल होता है. इंजीनियर भाषा इनपुट की बारीकियों में गहराई से उतरता है और देखता है कि एआई आउटपुट कैसे प्रतिक्रिया देता है. यह इंजीनियर एआई सीमाओं, त्रुटियों और दोषों की तलाश करने में मदद करता है. प्रॉम्प्ट इंजीनियर की भूमिका को प्रोग्रामिंग और डायरेक्शन के मिले-जुले रूप में देखा जा सकता है.
प्रॉम्प्ट इंजीनियर बनने के लिए जरूरी योग्यता
प्राम्प्ट इंजीनियरों को शब्दों और वाक्यांशों के माध्यम से एआई सिस्टम के साथ संवाद करना पड़ता है. मौखिक और लिखित संचार कौशल के साथ प्रॉम्प्ट इंजीनियर भाषाई संकेतों की जटिलता का समाधान कर पाते हैं. प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग वास्तव में प्रोग्रामिंग नहीं है. प्रॉम्प्ट इंजीनियरों के लिए कोडिंग में कुछ भागीदारी होना आम बात है. प्रॉम्प्ट इंजीनियरों को एआई प्लेटफॉर्म को प्रदान किए गए डेटा, प्रॉम्प्ट में उपयोग किए गए डेटा और प्रतिक्रिया में मिले डेटा को समझना आना चाहिए. इसके अलावा इंजीनियरों के लिए प्रभावी ढंग से सहयोग करने की क्षमता के साथ-साथ समस्या-समाधान और विश्लेषणात्मक जैसे सॉफ्ट कौशल आवश्यकता पड़ती है.
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