जिस तरह मेडिकल इंडस्ट्री हेल्थकेयर की लाइफलाइन है ठीक उसी तरह फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री भी मेडिकल इंडस्ट्री की लाइफ लाइन हैं. फार्मेसी हेल्थ सर्विस इंडस्ट्री का एक इंटीग्रल पार्ट है जो मरीज के इलाज के लिए जरूरी दवाओं को तैयार करते हैं और डिस्ट्रीब्यूट करते हैं. हालांकि ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि फार्मेसी में कोर्स करने से उम्मीदवार केवल केमिस्ट की दुकानों, मेडिकल स्टोर या डिस्पेंसरी में ही काम कर सकते हैं. लेकिन हकीकत ये है कि फार्मेसी की फील्ड में भी नौकरी के कई मौके है.


फार्मासिस्ट बनने के लिए PCMB यानी फिजिक्स,कैमेस्ट्री, मैथ्स या बायोलॉजी के कॉम्बिनेशन के साथ उच्च माध्यमिक शिक्षा या 12वीं कक्षा पूरी करनी होती है. आइए जानते हैं कि कैसे युवा उम्मीदवार फार्मेसी की लाइन में करियर बना सकते हैं.


12वीं के बाद फार्मेसी में कर सकते हैं ये कोर्स


बी फार्म (फार्मेसी में बैचलर की डिग्री)- ये चार वर्षीय (आठ सेमेस्टर) अंडरग्रेजुएट कोर्स हैं. इसके लिए स्टूडेंट्स को साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए.


डिप्लोमा इन फार्मेसी (डीफार्मा)- यह दो वर्षीय (चार सेमेस्टर) डिप्लोमा कोर्स है. इसके लिए स्टूडेंट्स को साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए.


बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT)- यह चार वर्षीय (आठ सेमेस्टर) ग्रेजुएशन कोर्स है. इसके साथही 6 माह की जरूरी क्लिनिकल इंटर्नशिप भी करनी होती है. इसके लिए स्टूडेंट्स को साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए.


M Pharm (फार्मेसी में मास्टर डिग्री)- ये दो साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स है. इसके लिए स्टूडेंट्स को बीफार्मा होना चाहिए.


फार्मा रिसर्च में स्पेशलाइजेशन के लिए कैंडीडेट्स एनआईपीईआर यानी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मा एजुकेशन एंड रिसर्च जैसे संस्थानों में एडमिशन ले सकते हैं. स्पेशलाइजेशन ऑप्शन में फार्मास्यूटिक्स, इंडस्ट्रियल फार्मेसी, फार्मास्युटिकल विश्लेषण, फार्माकोग्नॉसी, फार्माकोलॉजी, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्मास्युटिकल बायोटेक्नोलॉजी, रेगुलेटरी अफेयर्स, क्वालिटी एश्योरेंस आदि शामिल हैं.


फार्मेसी कोर्स की फीस


सरकारी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में डी फार्मा या बी फार्मा कोर्स की फीस बहुत कम होती है. वहीं प्राइवेच कॉलेज में इस कोर्स की फीस 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये प्रतिवर्ष होती है.


फार्मेसी में करियर ऑप्शन


हॉस्पिटल फार्मेसी, क्लिनिकल फार्मेसी, टेक्निकल फार्मेसी, रिसर्च एजेंसीज, मेडिकल डिस्पेंसिंग स्टोर, सेल्स एंड मार्केटिंग डिपार्टमेंट एजुकेशनल इंस्टिटयूट्स, हेल्थ सेंटर्स, मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव, क्लिनिकल रिसर्चर एनालिस्ट, मेडिकल राइटर, एनालिटिकल केमिस्ट, फार्मासिस्ट, ऑन्कॉलजिस्ट, रेग्युलेटरी मैनेजर आदि के तौर पर कार्य कर सकते हैं.


खुद का बिजनेस कर सकते हैं शुरू


फार्मेसी में करियर के ढेरों ऑप्शन हैं. आप सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में फॉर्मेसी के क्षेत्र में नौकरी के लिए कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा आप खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं.


सरकारी क्षेत्र में फार्मेसी में करियर


फार्मेसी कोर्स करने वाले राज्य या केंद्र सरकार के अस्पतालों, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभागों और सार्वजनिक दवा उत्पादन कंपनियों में फार्मासिस्ट की जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसी तरह दवाओं के गुणवत्ता नियंत्रण और उनकी जांच के लिए नियुक्त होने वाले ड्रग इंस्पेक्टर या सरकारी विश्लेषकों के चयन के लिभी फार्मेसी के जानकारों की भर्ती की जाती है. इसके अलावा केंद्रीय सैन्य बलों में भी टाइम-टाइम पर पद पर फार्मेसिस्ट की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकाली जाती है.


 प्राइवेट सेक्टर में फार्मेसी की जॉब


दवा बनाने वाली और डिस्ट्रीब्यूट करने वाली कंपनियां बिक्री और प्रचार के कार्यों के लिए मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव  (MR) की बड़े पैमाने पर नियुक्तियां करती है. फॉर्मेसी में डिप्लोमा या डिग्री होल्डर को इस प्रोफेशन में प्राथमिकता दी जाती है.  इसके अलावा सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में फार्मासिस्ट की नियुक्ति की जाती है.


इन कॉलेज से कर सकते हैं फार्मेसी का कोर्स


बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी


इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बीएचयू, वाराणसी


इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी, सीएसजेएम यूनिवर्सिटी, कानपुर


महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ोदा, वड़ोदरा, गुजरात


एलएम कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, अहमदाबाद, गुजरात


कॉलेज ऑफ फॉर्मासूटिकल साइंसेज विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश


कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली


गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, न्यू दिल्ली


महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक


गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा


नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मासूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, मोहाली


पूना कॉलेज ऑफ फार्मेसी पुणे


बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, पिलानी (राजस्थान)


इनके अलावा भी कई सरकारी और प्राइवेट कॉलेज हैं जो मेडिकल में कोर्स ऑफर करते हैं. लेकिन छात्रों को किसी भी कॉलेज में एडमिशन लेते वक्त ये ध्यान रखना चाहिए कि वो कॉलेज फॉर्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (PCI) से रजिस्टर्ड हो.


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