CV Writing Tips: क्या आप भी कॉपी-पेस्ट कर बनाते हैं सीवी? हाथ से निकल सकता है बेहतर जॉब का मौका, जान लें सही तरीका
अगर आप भी नौकरी की तलाश में हैं और नौकरी आपको मिल नहीं पा रही है. तो हो सकता है कि आपके सीवी में कुछ गड़बड़ हो जिस कारण आपको नौकरी न मिल रही हो.
आजकल सीवी यानी करिकुलम वाइट बनाना एक महत्वपूर्ण स्किल है, खासकर जॉब की तलाश में. कई लोग अद्वितीय और इंप्रेसिव सीवी बनाने के बजाय कॉपी-पेस्ट करके सरलता से अपना काम निपटाने की कोशिश करते हैं. हालांकि, ऐसा करना न केवल प्रोफेशनली गलत है, बल्कि यह आपकी व्यक्तिगत पहचान को भी धूमिल कर देता है. हर व्यक्ति की जिंदगी, एक्सपीरियंस और स्किल्स अलग होते हैं और उन्हें सही तरीके से प्रस्तुत करना ही सबसे महत्वपूर्ण है. इस लेख में हम आपको सीवी कैसे बनाएं, किन बातों का रखें ध्यान जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.
सीवी एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है, जो आपके शैक्षणिक और प्रोफेशनल एक्सपीरियंस को संक्षेप में प्रस्तुत करता है. इसे बनाने के लिए सही प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है, ताकि यह इंप्रेसिव और प्रोफेशनल दिखे. इस बात में कोई दो राय नहीं कि आज के ट्रेंडी सीवी फॉर्मेट और 90 के दशक के सीवी फॉर्मेट में बहुत अंतर है. उस समय के सीवी में अभ्यर्थी से जुड़ी लगभग सभी जानकारियां होती थीं. वहीं, अब सीवी फॉर्मेंट में अभ्यर्थी को रिलेटेड जॉब से जुड़ी अपनी इंफॉर्मेशन को क्रिस्पी अंदाज में प्रायोरिटी पर रखना होता है. सीवी का सही तरीका अपनाने से आप अपने प्रोफेशनल इमेज को भी मजबूत बना सकते हैं.
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व्यक्तिगत जानकारी का समावेश करें
सीवी की शुरुआत हमेशा आपकी व्यक्तिगत जानकारी से होनी चाहिए. इसमें आपका नाम, पता, फोन नंबर, और ईमेल आईडी शामिल होना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही हों. सीवी में ये सेक्शन प्रॉपर लेयर में नजर आना चाहिए. इसमें आपको अपनी पर्सनल डिटेल्स और कॉन्टेक्ट डिटेल्स लिखनी होती है. इस सीक्वेंस में सबसे पहले आपका नाम बड़े अक्षरों में, उसके बाद एक शॉर्ट डिस्क्रिप्शन में होना चाहिए. कॉन्टेक्ट डिटेल्स में आपका एड्रेस, ई-मेल आईडी, फोन नंबर और अगर कोई वेबसाइट हो, तो उसे भी मेंशन कर सकते हैं.
वर्क एक्सपीरियंस
आपका रिक्यूटर आपके पर्सनल डिटेल्स के बाद अगर अगली कोई चीज सीवी में देखना चाहेगा, तो वो होगा वर्क एक्सपीरियंस. आपने जहां-जहां काम किया है, उसे सीवी में लिखें। वर्क एक्सपीरियंस में सबसे पहले कंपनी का नाम, उसके बाद आपकी डेजिग्नेशन फिर आपने कितने टाइम तक वहां काम किया था उसे भी लिखें. यह रिक्यूटर को आपके प्रोफेशनल लाइफ की बेहतर समझ देता है.
एजुकेशन
सीवी में आपको अपनी एजुकेशन के बारे में भी लिखना है, जिसमें इंटरमीडिएट पास, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट के अलावा डिप्लोमा, पीएचडी, कोई स्पेशल ट्रेनिंग या कोर्सेस के बारे में भी मेंशन कर सकते हैं. ध्यान रहे इस सेक्शन में एजुकेशन के साथ उसे पासआउट करने वाले ऑर्गेनाइजेशंस का नाम भी मेंशन कर सकते हैं. नंबर या पर्सेंटेज अगर अच्छे आए हों, तो ही उन्हें मेंशन करें. यदि आपने किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की है, तो उसे भी शामिल करें.
स्किल्स
इस बात को समझ लीजिए कि आपके सीवी का यह सेक्शन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीधे जॉब डिस्क्रिप्शन से रिलेटेड है. जिस जॉब के लिए आप अप्लाई कर रहे हैं, आप उसके लिए सीवी बना रहे है. इसलिए उस जॉब की जो भी डिमांड है. अगर आपमें वो स्किल्स है, तो उन स्किल्स को भी अपने सीवी में जरूर मेंशन करें. सबसे जरूरी है कि आपके पास कौन-कौन से स्किल्स हैं, जैसे तकनीकी कौशल, भाषाई कौशल या अन्य विशेष योग्यताएं, उन्हें स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध करें.
ऑब्जेक्टिव
सीवी के इस सेक्शन में आपको अपनी कंपनी के लिए एक ऑब्जेक्टिव लिखना है. ऑब्जेक्टिव का मतलब यह होता है कि आप कंपनी के लिए ऐसा क्या करेंगे कि उससे कंपनी को फायदा होगा या फिर कंपनी ग्रो करेगी. कुल मिलाकर शॉर्ट में ही सही पर इस कॉलम में आपको ये मेंशन करना होगा कि आप कंपनी के लिए कैसे फ्रूटफुल साबित होंगे.
प्रूफरीडिंग करें और कॉपी-पेस्ट से बचें
सीवी तैयार करने के बाद उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें, ताकि कोई टाइपिंग या व्याकरण संबंधी गलतियां न हों. आप किसी मित्र या परिवार के सदस्य से भी इसे पढ़ने के लिए कह सकते हैं. सबसे जरूरी है कि कॉपी-पेस्ट करने की आदत से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपका सीवी सामान्य लग सकता है और रिक्रूटर पर गलत प्रभाव पड़ सकता है. हर जॉब के लिए अपने सीवी को अनुकूलित करना बेहतर होता है, ताकि वह उस विशेष भूमिका के लिए उपयुक्त लगे.
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