Google Jobs: सीईओ सुंदर पिचाई बोले- Google हायर कर रहा है, लेकिन रफ्तार है धीमी
Google Hiring: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का कहना है कि Google अभी भी लोगों को नौकरी दे रहा है, लेकिन रफ्तार थोड़ी धीमी है.
Sundar Pichai on Google Jobs: गूगल (Google) की मूल कंपनी अल्फाबेट ने पिछली तिमाहियों में धीमी राजस्व वृद्धि दर्ज की है. इसका कारण है आर्थिक मंदी की आहट, इसके बाद Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने पुष्टि करते हुए कहा है कि कंपनी में अब नियुक्ति प्रोसेस को आर्थिक मंदी की आहट के कारण स्लो कर दिया है. आंकड़ों के अनुसार अल्फाबेट की पिछले साल की तुलना में इस साल की तीसरी तिमाही में कमाई में 26.5 प्रतिशत की गिरावट आई है.
विज्ञापन बाजार में चल रही मंदी भी गूगल के निर्धारित सालाना टारगेट को पाने में असर दिखा रही है. इसलिए, आगामी राजस्व तिमाही में बजट निर्धारित करने और राजस्व को स्थिर करने के लिए, अल्फाबेट आईटी इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती में कमी करेगा. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने 25 अक्टूबर को कहा था कि अल्फाबेट अगले दो तिमाहियों के लिए हायरिंग को धीमा करने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि, हम प्रोडक्ट और कारोबारी प्राथमिकताओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
क्या कहा पिचाई ने?
पिचाई ने कहा, प्रतिभा सबसे कीमती संसाधन है, इसलिए हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं कि हम जो भी हायरिंग कर रहे हैं वो एक कंपनी के रूप में सबसे महत्वपूर्ण चीजों पर काम कर रहा है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी पैमाने पर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा कर रहे हैं कि हमारे पास सही योजनाएं हैं. यह कुछ ऐसा है जिसे हम 2023 में भी जारी रखेंगे. खास तौर पर अल्फाबेट पूरी तरह से भर्ती नहीं करेगा, लेकिन उन पदों के लिए भरेगा जो महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए, विशेष रूप से टॉप इंजीनियरिंग और तकनीकी प्रतिभा पर केंद्रित हैं.
YouTube की कमाई में आई गिरावट
यहां तक कि Google के नेतृत्व वाले YouTube ने अपनी पहली बार रैवन्यू में गिरावट देखी है. इसका विज्ञापन राजस्व पिछले साल की समान तिमाही में 7.2 बिलियन डॉलर से घटकर $ 7.07 बिलियन हो गया है. मौजूदा स्थितियों को देखते हुए Google ने पहले भी कंपनी में काम पर रखने की सीमा की घोषणा की थी. साथ ही पिचाई ने खर्च को नियंत्रित करने और विभिन्न टीमों के खर्च को सीमित करने के लिए बजट में कटौती की भी घोषणा की थी. फेसबुक समेत अन्य तकनीकी दिग्गजों ने भी कथित आर्थिक मंदी और 2023 में लगातार मंदी के डर के कारण लागत में कटौती की घोषणा की है.
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