राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार वह अपने लिए वकीलों की नियुक्ति करते है जिन्हें अलग अलग पद अलग अलग नाम से पुकारा जाता है. वहीं केंद्र सरकार के लिए लीगल मुद्दा भारत का महान्यायवादी होता है. वहीं राज्य सरकार के लिए लीगल मुद्दा देखने वाले पद को राज्य का महाधिवक्ता कहा जाता है. आइए जानते हैं एक सरकारी वकील बनने के लिए कैसे करें तैयारी.
सरकारी वकील बनने हेतु आपको विधि में स्नातक होना अनिवार्य है. विधि से स्नातक उत्तीर्ण होने के बाद आप दो प्रकार से सरकारी वकील बन सकते है. एपीओ परीक्षा सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद आपका चयन सरकारी वकील के रूप में कर दिया जाता है .राज्य सरकार द्वारा हर साल ऐसे अनुभवी वकीलों की नियुक्ति के लिए APO परीक्षा का आयोजन किया जाता है . यदि यह परीक्षा पास करने में सफल हो जाते है तो आपको सरकारी वकील के रूप में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त कर लिया जाएगा .
- अनुभव के आधार पर
- एपीओ की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर
अनुभव के आधार पर
अगर आप एक बहुचर्चित और प्रसिद्ध वकील है और आपके पास कम से कम सात साल का अनुभव और आपकी आयु न्यूनतम 35 वर्ष है तो आप सरकारी वकील के रूप में चयन हो सकते हैं लेकिन इसके लिए आपका राजनीतिक संपर्क भी अच्छा होना चाहिए .सरकार के द्वारा चयनित होने पर आप सरकार की इच्छानुसार ही सरकारी वकील के पद रह सकते है, सरकार बदलने पर नयी सरकार द्वारा आपको पद से हटाया जा सकता है.
एपीओ परीक्षा
एपीओ की परीक्षा तीन चरणों में संम्पन्न की जाती है
प्रारंभिक परीक्षा
मुख्य परीक्षा
साक्षात्कार
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