जुलाई का महीना रोजगार के मोर्चे पर राहत भरा रहा है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, भारत में जुलाई में मुख्य रूप से कृषि और निर्माण क्षेत्रों में 16 मिलियन यानी 1.6 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ, हालांकि  उसी महीने सैलरीड जॉब्स की संख्या में 3.2 मिलियन यानी 32 लाख की गिरावट भी आई है.


आंकड़ों के अनुसार एग्रीकल्चर सेक्टर में जुलाई 2021 के दौरान 1.12 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है वहीं कंस्ट्रक्शन सेक्टर में ये संख्या 54 लाख और सर्विस सेक्टर में 5 लाख और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 8 लाख रही है.


जुलाई में 1.6 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ


वहीं CMIE के एमडी और सीईओ महेश व्यास ने अपने विश्लेषण में कहा कि, "भारत ने जुलाई 2021 में बड़े पैमाने पर 16 मिलियन यानी 1.6 करोड़ नौकरियों का सृजन किया लेकिन  जुलाई में भारत द्वारा प्रदान किए गए सभी एडिशनल रोजगार खराब क्वालिटी वाले थे. 1 करोड़ 86 लाख अतिरिक्त लोगों को छोटे व्यापारियों और दिहाड़ी मजदूरों के रूप में नियोजित किया गया था."


बुवाई गतिविधियां बढ़ने से कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ा


उन्होंने कहा उन्होंने  ये भी कहा कि, “ एग्रीकल्चर सेक्टर में रोजगार में इजाफा होने का अर्थ है कि बुवाई गतिविधियां बढ़ रही हैं. हालांकि मानसून इस बार सही नहीं रहा है. इससे खरीफ की बुवाई देर से हुई है. जून 2021 के अंत तक खरीफ फसल की बुवाई एक वर्ष पहले की समान अवधि की तुलना में 20 फीसदी से ज्यादा कम थी.जबकि जुलाई के अंत तक बुवाई एक साल पहले के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा कम रही. जुलाई महीने में बुवाई क्षेत्रफल 6.53 करोड़ हेक्टेयर रहा जबकि जून में ये 1.95 करोड़ हेक्टेयर रहा था. महेश व्यास के मुताबिक इसी कारण एग्रीकल्चर सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा हुए.


जुलाई महीने में कृषि सेक्टर में 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है


उन्होंने ये भी कहा कि अक्सर देखा गया है कि ये बढ़ोतरी जून के महीने में शुरू होते हुई जुलाई में हाई लेवल पर पहुंच जाता है और अगस्त में भी ये बढ़ोतरी बनी रहती है.यह एक मौसमी पैटर्न प्रतीत होता है. इसके बाद नवंबर में कृषि की फील्ड में रोजगार फिर बढ़ता है क्योंकि वो समय खरीफ फसल की कटाई का होता है. जुलाई में कृषि सेक्टर में 80 लाख से 1.2 करोड़ लोगों को जॉब मिलती है. इस साल जुलाई में ये आंकड़ा 1.12 करोड़ रहा है.


हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि खरीफ बुवाई का सत्र खत्म होते ही ये कृषि श्रमिक फिर से बेरोजगार हो जाएंगे. ऐसे में इस श्रमिको के लिए सीजन एंड होते ही ऑल्टरनेटिव जॉब्स के अवसर मुहैया कराए जाने चाहिए.


जुलाई के महीने में सैलरीड जॉब्स की संख्या 7.65 करोड़ थी


व्यास ने आगे कहा कि जुलाई में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 54 लाख एडिशनल लोगों को जॉब्स मिली है. वहीं विनिर्माण सेक्टर में आठ लाख लोगों ने रोजगार गंवा भी दिया. सर्विस सेक्टर में महज 5 लाख लोगों को एडिशनल जॉब्स मिली. इस दौरान जुलाई में अच्छी क्वालिटी वाली नौकरियों में कमी देखी गई है. उन्होंने आगे कहा कि जुलाई के महीने में सैलरीड जॉब्स की संख्या 7.65 करोड़ थी जो जून की तुलना में 32 लाख कम है.


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