नई दिल्ली: देश में बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर है. पिछले कुछ समय में कई बड़े सेक्टर्स और उद्योग में मंदी का असर देखने को मिला है. इसी बीच शनिवार को नेशनल स्टेटिकल ऑर्गनाईजेशन (NSO) ने एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि साल 2018-19 की आखिरी तिमाही में भारत के शहरों का हर पांचवा युवा बेरोजगार है.
एनएसओ के पिरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे में बताया गया कि इसी साल जनवरी से मार्च के बीच के आंकड़ों के अनुसार 15 से 29 साल के करीब 22.5 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं. हालांकि इसके ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रेल-जून 2018 से लेकर जनवरी मार्च 2019 के बीच रोज कमाई करने और महीने में सैलरी पाने वालों की संख्या में थोड़ा बहुत इजाफा जरुर हुआ है. जिसमें पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
सर्वे के मुताबिक संगठित क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं की सैलरी में इजाफा हुआ है जो कि पुरुषों की संख्या में 2.1 प्रतिशत ज्यादा है, लेकिन बेरोजगारी के मामले में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं. एनएसओ के ताजा पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं की बेरोजगारी का प्रतिशत 29 है जो कि कई पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है.
वहीं दूसरी तरफ पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में स्वंय का व्यापार करने वालों की दर में गिरावट देखने को मिली है. पीएलएफसी सर्व के अनुसार ये दर 38.9 से घटकर 37.7 पर आ गई है. साथ ही कृषि के अलावा माइनिंग, कंस्ट्रक्शंस और मेन्यूफेक्चरिंग के उद्योगों में भी मंदी का असर देखने को मिला है.
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