केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज घोषणा की कि सरकार ने टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) क्वालिफाइंग सर्टिफिकेट का वैलिडिटी पीरियड 7 साल से बढ़ाकर लाइफ टाइम करने का फैसला किया है. पोखरियाल ने कहा, "यह टीचिंग फिल्ड में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा. "


शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ये फैसला 10 साल पहले से लागू किया गया है. यानी इन सालों के दरम्यान जिनके भी प्रमाण-पत्रों का पीरियड पूरा हो चुका है वे भी अब शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए एलिजिबल होंगे.


नए सिरे से TET सर्टिफिकेट जारी करने के दिए आदेश


उन्होंने आगे कहा कि संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश उन उम्मीदवारों को नए सिरे से टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने या जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है.


यह बड़ा परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी, 2011 के दिशा-निर्देशों में किया गया है, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता TET पास करने की तारीख से 7 वर्ष थी.


TET स्कूलों में टीचर के रूप में नियुक्ति के लिए जरूरी क्वालिफिकेशन है


बता दें कि टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट  स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है.इससे पहले, हालांकि टीईटी पास प्रमाण पत्र की वैधता 7 साल के लिए थी लेकिन उम्मीदवार द्वारा सर्टिफिकेट प्राप्त करने के अटैम्पट की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं था.  एक व्यक्ति जिसने परीक्षा उत्तीर्ण की है, उसे भी स्कोर में सुधार के लिए फिर से उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी.


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