Success Story Of IAS Topper Ruchi Bindal: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे हर छात्र का सपना होता है कि वह यूपीएससी क्लीयर कर आईएस या आईपीएस बने. यह नौकरी समाज में प्रतिष्ठा और पद तो देती ही है साथ ही अपने समाज के विकास के लिए काम करने का अनमोल अवसर भी देती है. लेकिन सिविल सेवा की तैयारी और सफलता लंबा संघर्ष मांगती है. रुचि बिंदल एक ऐसी ही सफल यूपीएससी उम्मीदवार हैं जिन्होंने बार-बार मिलने वाली असफलता को राह की दीवार माना और हर बार पिछली बार से अधिक मेहनत करने को तैयार रहीं.


रुचि चार बार असफल हुईं लेकिन 2019 में उन्होंने न सिर्फ यूपीएससी की परीक्षा पास की बल्कि उसमें टॉपर (39वां रैंक) भी रहीं. रुचि बिंदल का अनुभव और उनके टिप्स यूपएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बेहद उपयोगी हैं. रुचि साफ कहती हैं कि प्री की तैयारी हो या मेन्स की सभी छात्रों को वहीं स्ट्रैटजी अपनानी चाहिए जो उनके लिए काम करें. आंख मूंदकर दूसरों को फॉलो करने से मनचाहा परिणाम हासिल नहीं हो सकेगा.


UPSC प्री के लिए क्या हो स्ट्रैटजी
प्री के लिए रुचि कहती हैं कि जितने अधिक प्रश्न हो सके हल करने का प्रयास करना चाहिए. पहले उन सवालों का उत्तर देना चाहिए जिसके जवाब आपको पक्के तौर पर पता हों. इसके बाद उन सवालों का रुख करना चाहिए, जिनमें आप थोड़े कन्फ्यूज हैं. दिमाग लगाकर इन प्रश्नों का उत्तर भी लिखने का प्रयास करना चाहिए. रुचि की यह स्ट्रैटजी उनके तो काम आई लेकिन इसके लिए कम से कम हर सवाल आपका पढ़ा हुआ होना चाहिए.


UPSC मेन्स के लिए क्या हो स्ट्रैटजी
मेन्स के पेपर के लिए रुचि की सलाह है कि लिमिटेड सोर्स रखें और बार-बार उन्हें रिवाइज करें. जब एक बार तैयारी हो जाए तो बार-बार मॉक टेस्ट दें. रुचि के हिसाब से यूपीएससी की परीक्षा में मॉक टेस्ट्स की अहम भूमिका है. रुचि कहती हैं जितना अधिक आप लिखने का अभ्यास कर लेंगे, आपके उतने ही अधिक अंक लाने की संभावना बनी रहेगी.


रुचि बिंदल का साक्षात्कार का वीडियो छात्रों  के लिए बेहद काम का हो सकता है, देखें वीडियो



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