दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. इंडिया टुडे की खबर के अनुसार इन टेक कंपनियों ने अनुभवहीन उम्मीदवारों को नौकरी देने से कथित तौर पर इंकार कर दिया है. खबर के अनुसार पहले इन कंपनियों के फ्रेशर्स उम्मीदवारों को ऑफर लैटर दे दिए थे, लेकिन बाद में हायरिंग प्रोसेस को कैसिंल कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि विप्रो, इंफोसिस और टेक महिंद्रा ने कई उम्मीदवारों की ऑनबोर्डिंग प्रोसेस में महीनों की देरी के बाद कथित तौर पर उनके ऑफर लेटर को केंसिल कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक कंपनियों से ऑफर पाने वाले सैकड़ों फ्रेशर उम्मीदवारों के ऑफर लैटर ऑनबोर्डिंग प्रोसेस में लगभग 3-4 महीने की देरी के बाद कैसिंल कर दिए गए.
उम्मीदवारों का दावा है कि उन्होंने करीब 3-4 महीने पहले टॉप टेक कंपनियों में जॉब के लिए अप्लाई किया था. इंटरव्यू के बाद, उन्हें ऑफर लैटर दिए गए थे. इसके बाद उम्मीदवार अपनी ऑनबोर्डिंग प्रोसेस का इंतजार कर रहे थे. लेकिन इन कंपनियों ने उम्मीदवारों को 3-4 महीने तक यूं ही लटकाए रखा और बाद में इनके ऑफर लैटर रद्द कर दिए गए.
आर्थिक मंदी की आहट
इन कंपनियों की ओर से उम्मीदवारों को एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि आप हमारे शैक्षणिक योग्यता मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं इसलिए आपके ऑफर लैटर रद्द किए जा रहे हैं. इससे पहले भी आईटी फर्मों के द्वारा कर्मचारियों की हायरिंग में देरी की खबरें सामने आ चुकी हैं. आर्थिक मंदी जैसी परिस्थितियों के कारण कई कंपनियों ने हायरिंग फ्रीज कर दी है. यहां तक कि गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गजों ने भी नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है और टीमों को उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग करने का आदेश दिया है.
कंपनियों का पक्ष
अभी तक इस मामले में कंपनियों की तरफ से कोई पक्ष सामने नहीं आया है. अगर किसी भी कंपनी की तरफ से इस मुद्दे पर कोई पक्ष रखा जाता है तो ABP के पाठकों को इसकी जानकारी दी जाएगी.
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