ये है Khan Sir का बताया हुआ बेस्ट टाइम टेबल, अगर फॉलो किया तो पास होने से कोई नहीं रोक पाएगा!
Khan Sir ki Class: खान सर की क्लास के वीडियो यू-ट्यूब पर काफी ट्रेंड में रहते हैं और काफी लोग उन्हें फॉलो करते हैं. तो जानते हैं उनका एग्जाम टाइम टेबल को लेकर क्या कहना है?
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जो भी कैंडिडेट्स सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए खान सर के वीडियो काफी काम के होते हैं. जब खान सर का वीडियो आता है तो उस पर लाखों में व्यूज आना शुरू हो जाते हैं और बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो उनके वीडियो को पसंद करते हैं. इसके अलावा उनके बताए गए टिप्स को फॉलो करते हैं और खान सर भी पढ़ाई करने के तरीके के बारे में बताते रहते हैं. तो आज हम उस समस्या के बारे में बात करेंगे, जिससे कैंडिडेट्स काफी परेशान रहते हैं और खान सर के पास इसका क्या सॉल्यूशन है.
तो ये दिक्कत है टाइम टेबल की. स्टूडेंट्स को अक्सर बदलती लाइफस्टाइल की वजह से टाइम टेबल बनाने में काफी मुश्किल होती है और बेहतर टाइम टेबल ना होने की वजह से सफलता नहीं मिल पाती है. तो जानते हैं टाइम टेबल को लेकर खान सर का क्या कहना है...
कैसा होना चाहिए?
खान सर के हिसाब से टाइम टेबल बनाएं तो खान सर का कहना है कि पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाने की जरुरत ही नहीं है. खान सर के हिसाब से टाइम टेबल उन चीजों का बनना चाहिए, जो कि फालतू हैं. जैसे आपको कितनी देर रेस्ट करना है, कितनी देर बाहर जाना है... इन सब का टाइम टेबल बनाना चाहिए. लेकिन, कभी भी ऐसा ना हो कि पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाना पड़े, क्योंकि पढ़ाई के लिए पूरा दिन है. इसलिए पढ़ने के लिए टाइम टेबल नहीं चाहिए और हर वक्त पढ़ाई के बारे में सोचना चाहिए.
वहीं सुबह सोने के वक्त को लेकर एक और वीडियो में खान सर बताते हैं कि अगर ज्यादा जल्दी उठते हैं तो आप पूरे डिस्टर्ब रहेंगे. अगर आप 4 बजे उठते हैं तो परेशान रहेंगे, इसलिए जिस वक्त आप कंफर्टेबल हैं, उस वक्त उठना सही रहता है. लेकिन जल्दी उठने का फायदा ये है कि इससे आपको वर्किंग टाइम ज्यादा मिलेगा. लेट जगने से आप अपना टाइम वेस्ट कर देते हैं और करीब 6-7 बजे तक उठ जाना चाहिए. इसके अलावा फिर सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और कुछ वक्त दूसरी चीजों के लिए निकालना चाहिए.
वहीं, विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि स्टूडेंट का एक सेट टाइम टेबल होना चाहिए और अगर आप किसी भी वक्त पढ़ाई कर रहे हैं या किसी भी वक्त सो रहे हैं तो ये गलत है. ये शेड्यूल आपके हिसाब से हो सकता है और टाइमिंग आपके हिसाब से होना चाहिए. बस टाइम टेबल बनाते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि इसमें 8 घंटे पढ़ाई के होने चाहिए और अगर सिर्फ पढ़ाई कर रहे हैं तो 10 घंटे तक पढ़ाई करनी चाहिए. इसके अलावा इसमें लिखने की प्रेक्टिस करना भी शामिल होना चाहिए.
इस टाइमटेबल ये ध्यान रखें कि रिविजन के लिए कुछ घंटे रखने चाहिए या फिर हफ्ते के आखिरी एक या दो दिन को रिविजन के लिए रखना ही चाहिए. रिविजन करते रहना नया पढ़ने से ज्यादा जरूरी है. रिविजन दिन के हिसाब से, हफ्ते के हिसाब से और महीने के हिसाब से होना चाहिए. इसके अलावा टाइम टेबल सिर्फ दिन के हिसाब से नहीं, हफ्ते और महीने या साल के हिसाब से होना चाहिए.
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