नई दिल्ली. देश में कोरोना काल में अधिकांश चीजें ऑनलाइन मोड में चली गईं. शिक्षा से लेकर नौकरी तक ऑनलाइन माध्यम से होने लगा इसी दौर में बड़ी संख्या में युवाओं ने डिजिटल दुनिया को अपने रोजगार का साधन बनाया है. चाहे वो सोशल मीडिया पर बतौर क्रियेटर हो या ब्लागिंग या डिजिटल मार्केंटिंग के रूप में. आज हम आपको डिजिटल मार्केटिंग, ब्लॉगिंग सहित डिजिटल स्पेस पर उपलब्ध कैरियर विकल्पों के बारे में बताएंगे.


डिजिटल स्पेस में कैरियर के मौकों के बारे में बता रहे हैं ओड़िशा के चंदन प्रसाद साहू जो न सिर्फ इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं बल्कि कई युवाओं को ब्लॉगिंग के विभिन्न आयाम सीखा भी रहे हैं.चंदन कहते हैं कि डिजिटल स्पेस में भी सफलता का वहीं मूलमंत्र है जो जीवन के किसी भी क्षेत्र में होती है. आपको जीरो से शुरूआत करनी होती है और निरंतर प्रयास जारी रखना होता है. लोग रातों रात पैसा कमाने की मानसिकता से डिजिटल स्पेस में न आएं बल्कि एक रणनीति बनाकर और अच्छे से रिसर्च करने के बाद आएं.


दुनिया भर के हिंदी ब्लॉगर्स की श्रेणी में अपना स्थान कायम कर चुके चंदन प्रसाद साहू के हिंदी ब्लॉग्स को पूरी दुनिया में पढा जाता है. चंदन ब्लॉगिंग के क्षेत्र में पुरस्कृत ब्लॉगर हैं, उनके ब्लॉग्स वर्तमान में चल रहे तकनीक के बदलते परिदृश्य पर आधारित होते हैं. यहीं नहीं यूट्यूब की दुनिया में भी चंदन को देखने वाले लाखों लोग हैं और उनके यूट्यूब चैनल को लाखों लोगों ने सब्सक्राइब भी किया है. ओड़िसा से होने के कारण उड़िया तो उनकी मुख्य भाषा है ही, इसके अतिरिक्त वे हिंदी व अंग्रेजी की बखूबी समझ रखते हैं और कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की भी जानकारी रखते हैं. ब्लॉगिंग की दुनिया से अलग चंदन ने अपना डिजिटल व्यवसाय भी स्थापित है. डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में स्थापित उनके व्यवसाय से विश्व की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां ग्राहक के रूप में जुड़ी हैं. 


चंदन प्रसाद साहू बताते हैं आज से 10 वर्ष पूर्व वर्ष 2011 में उन्होंने अपनी ब्लॉगिंग की यात्रा की शुरुआत की थी. एलियास हैकर्स विश्वविद्यालय के सहयोग से उन्होंने अपना पहला ब्लॉग लिखा था. यह वह समय था जब लोगों को SEO की मामूली जानकारी हुआ करती थी. लेकिन उस समय इन्होंने इसके निकट भविष्य एवं जरूरत का आंकलन कर लिया था. अपने गुरू इमरान उद्दीन के सहयोग से इन्होंने ऐसईओ की जानकारी हासिल की और इस क्षेत्र में निरंतर कार्य करना आरंभ किया.


वर्तमान में गूगल एडसेंस का प्रचलन बढ़ गया है लेकिन चंदन को वर्ष 2013 में ही गूगल एडसेंस द्वारा चेक भेजा गया था. चंदन बताते हैं उस समय मैं मास्टर्स कर रहा था, शिक्षा जारी थी और स्थिति वर्तमान समय जैसी नहीं थी, इसलिए यह उनके लिए सबसे सुखद समय और अविस्मरणीय समय था और यह ब्लॉगिंग की दुनिया में सफलता के क्षेत्र में पहला कदम था. लेकिन आज उनके 2014 में शुरू हुए ब्लॉग साइट HindiMe.net को अब तक दो सौ करोड़ से अधिक बार पढा गया है. 


लेकिन चंदन इसका संपूर्ण श्रेय स्वयं को नहीं देते हुए अपने उन दोस्तों को देते हैं जिन्होंने शुरुआती समय में उनकी मदद की. उन्होंने बताया कि उनके दोस्तों सबीना और सीएम शर्मा ने उन्हें आगे बढ़ने में निरंतर मदद किया. वर्ष 2016 वह समय था जब उनकी रचनात्मकता एवं समपर्ण का भुगतान उन्हें प्राप्त हुआ. गूगल क्वेश्चन द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में जहां 500 से अधिक ब्लॉगर्स ने भाग लिया था उसमें उनको सर्वश्रेष्ठ के रूप में चुना गया एवं क्वेश्चन हब गोल्स अवार्ड से नवाजा गया. इसके तुरंत बाद उन्हें साक्षात्कार हेतु आमंत्रण प्राप्त होने लगे.  इसके बाद हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़े प्रश्नों का एक अंबार उनके सामने खड़ा हो गया जिसके निराकरण हेतु उन्होंने Hindi Jankari नामक चैनल से डिजिटल मार्केटिंग से संबंधित वीडियो बनाना आरम्भ किया और लोगों तक जानकारी पहुंचाने लगे। आज इस चैनल के लाखों सब्सक्राइबर हैं.


वर्तमान में चंदन प्रसाद साहू महज के व्यक्ति नहीं हैं, वे ब्लॉग और व्लॉग (वीडियो ब्लॉग) की दुनिया मे एक अलग पहचान स्थापित कर चुके हैं. विश्व की परिपाटी पर हिंदी ब्लॉगिंग के श्रेष्ठतम, सम्मानित और मान्यता प्राप्त ब्लॉगर्स में एक चंदन प्रसाद साहू का सपना है कि वे देश के उस प्रत्येक युवा प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करें, उनकी शिक्षा दें जो डिजिटल मार्केटिंग और हिंदी के क्षेत्र में रुचि रखता हो. वे युवाओं को शिक्षा देने के साथ साथ सामाजिक कार्यों में भी दिलचस्पी रखते हैं. पिछले डेढ़ वर्षों से निरंतर महामारी में सामाजिक कार्य कर रहे हैं, इसके पूर्व भी कई स्वयंसेवी संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों को उन्होंने अपना सहयोग दिया है. चंदन उन युवाओं को प्रोत्साहित करने में यकीन रखते हैं जो जो डिजिटल मार्केटिंग एवं ब्लॉगिंग तथा वलॉगिंग में अपना कैरियर चुनना चाहते हैं.


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