नई दिल्ली: इस साल देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा, UPSC के सिविल सर्विसेज एग्जाम की टॉपर बनी हैं नंदिनी केआर. नंदिनी अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने माता पिता को देती हैं.
नंदिनी को ये सफलता चौथी बार में हाथ लगी है. बेंगलूरू में नंदिनी के माता-पिता भी इस खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. जबसे पता चला है कि नंदिनी ने UPSC की परीक्षा में टॉप किया है तबसे उनके घर में पड़ोसियों और रिश्तेदारों का मजमा लगा हुआ है. नंदिनी के पिता सरकारी हाई स्कूल में टीचर हैं और मां गृहणी हैं. नंदिनी का कहना है कि वे आज जो कुछ भी हैं अपने माता पिता की बदौलत हैं. नंदिनी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि उन्होंने पहले रैंक के बारे में नहीं सोचा था. नंदिनी ने आगे कहा मुझे यकीन था अगर मैं अपना बेस्ट दूंगी तो मुझे सफलता जरूर मिलेगी.
कभी घंटे के हिसाब से नहीं की पढ़ाई
नंदिनी का कहना है कि उन्होंने कभी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं कि थी बल्कि वे सिर्फ गोल को ध्यान में रखकर पढ़ाई किया करती थीं. नंदिनी का ये चौथा प्रयास था. साल 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में भी नंदिनी को सफल मिली थी. 2014 में उन्हें भारतीय राजस्व सेवा विभाग दिया गया था.
रिजल्ट आने के कुछ दिन पहले तक नंदिनी के दोस्त उनका मज़ाक उड़ा रहे थे कि इस बार सिविल सेवा परीक्षा वो ही टॉप करेंगी. नतीजे घोषित होने के बाद नंदिनी के दोस्तों का मजाक सच में बदल गया.
कौन हैं नंदिनी केआर ?
ओबीसी पृष्टभूमि से आनेवाली 26 साल की नंदिनी कर्नाटक की रहने वाली हैं. उन्होने पिछले साल भी परीक्षा पास की थी लेकिन पिछले साल उनकी रैंक 849वीं थी और वे इससे खुश नहीं थीं. वैसे तो उन्होंने दिल्ली से सटे फरीदाबाद में इंडियन रेवेन्यू सर्विस के लिए ट्रेनिंग तो शुरू कर दी थी लेकिन फिर भी उन्होंने आईएएस बनने का ख्वाब नहीं छोड़ा था.
नंदिनी ने 10वीं तक की पढ़ाई कर्नाटक के कोलार में की. इसके बाद उन्होंने मैंगलोर से 12वीं की पढ़ाई की. 12वीं के बाद उन्होंने बेंगलूरू से MS रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद वे दो सालों तक कर्नाटक में PWD इंजीनियर भी रहीं. UPSC परीक्षा में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट कन्नड़ लिटरेचर था. उनका कहना है कि कन्नड़ साहित्य पढ़ना उनके लिए पढ़ाई से ज्यादा एक हॉबी थी.
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