(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Career in Library Science: लाइब्रेरी साइंस में बनाएं उज्ज्वल भविष्य, यहां पढ़े डिटेल्स
Library Science: इस कोर्स को करने के लिए छात्र को कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी होना बेहद आवश्यक है.
Library Science Course: विश्वविद्यालय हो या प्राथमिक स्कूल, शिक्षा का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है 'लाइब्रेरी'. प्रत्येक संस्थान को अपनी लाइब्रेरी में मौजूद डॉक्यूमेंट और किताबें संभालने के लिए एक लाइब्रेरियन (Librarian) की आवश्यकता पड़ती हैं. इसी कार्य को करने का रास्ता लाइब्रेरी साइंस से होते हुए जाता है. यह एक ऐसा कोर्स है, जो आपको सदैव किताबों (Books) के नजदीक रखता है.
क्या होता है लाइब्रेरी साइंस?
इस कोर्स का दायरा समय के साथ साथ काफी बढ़ चुका है. तकनीकी विकास के साथ- साथ अब यह कोर्स नए मानक से लेस बन चुका है. इसी के चलते अब कोई भी छात्र इस कोर्स में अपना भविष्य चमका सकता हैं. इस कोर्स के अंदर इंफॉर्मेशन सिस्टम मैनेजमेंट, मैनुस्क्रिप्ट, कैटलॉग, बिबलियोग्राफी के संबंध में काम होता है. इसलिए इस कोर्स में छात्र को कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी होना एक प्रथम आवश्यकता है.
क्या है भविष्य?
लाइब्रेरी साइंस में रोजगार की बिल्कुल भी कमी नहीं हैं. कोई भी छात्र यह कोर्स करने के बाद सरकार एवं प्राइवेट नौकरी में रोजगार पा सकता है. देश में यूनिवर्सिटी और स्कूलों का निर्माण कार्य आय दिन चलता रहता है, और भविष्य में जितने विश्वविद्यालय बनेंगे उतने ही छात्रों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा मीडिया क्षेत्र में भी लाइब्रेरी साइंस की काफी डिमांड है. जिसके चलते छात्रों को एक अच्छी सैलरी और पैकेज मिलता हैं.
क्या रहेगा रोल?
लाइब्रेरी साइंस करने के बाद आपको कई सारे पदों पर नियुक्त किया जा सकता है. इसमें विश्वविद्यालय और स्कूलों से जुड़े रोल भी शामिल है. जैसे लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी अटेंडेंट, पुस्तकालय सहायक, शोधकर्ता व वैज्ञानिक, सलाहकार, तकनीकी सहायक, अभिलेख प्रबंधक, सूचना केंद्र का प्रमुख, वरिष्ठ सूचना विश्लेषक, कानून लाइब्रेरियन, सूचना वास्तुकार, जूनियर लाइब्रेरियन आदि.
कब कर सकते हैं कोर्स
अगर छात्र लाइब्रेरी साइंस में भविष्य बनाना चाहते हैं, तो डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं. इन कोर्स को करने के लिए छात्र को 12वीं क्लास पास होना आवश्यक है. यदि छात्र को इस विषय में बैचलर डिग्री हासिल करनी है तो आपका ग्रेजुएट होना आवश्यक है. ग्रेजुएशन के बाद छात्र एक साल की अवधि का बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस या बैचलर इन लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस कोर्स कर सकते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
मंगलायतन विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉ. अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि कॉरपोरेट सेक्टर में भी लाइब्रेरी की डिमांड बढ़ गई है. बदलते दौर के साथ अब डिजिटल लाइब्रेरी का चलन भी तेजी से बढ़ गया है. छात्र इस विषय में कोर्स करने के बाद बेहद शानदार करियर बना सकते हैं.
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