12वीं पास करने के बाद छात्रों के सामने लॉ में भी करियर बनाने का विकल्प होता है. कानूनी पेशा युवाओं के बीच बीते कुछ वर्षो में काफी लोकप्रिय हुआ है. चुनौतियों से भरा होने के बावजूद यह पेशा करियर की दृष्टि से एक आकर्षक विकल्प है. एक्सपर्ट बताते हैं कि कानून से जुड़ी पेचीदगियों और विस्तृत होते समाज के बीच वकीलों की भूमिका बेहद अहम हो गई है. उनका महत्व तब और भी बढ़ जाता है, जब समाज में तेजी से कानूनी प्रक्रियाओं और अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता आ रही हो.


ऐसे में कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों के आगे की ओर बढऩे के लिए काफी कुछ है, क्योंकि देशभर में स्टडी की नई-नई ब्रांच खुल रही हैं. वहीं लॉ ग्रेजुएशन के बाद करियर के कई नए ऑप्शंस सामने आए हैं. इन दिनों देश के प्रमुख लॉ स्कूल आकर्षक और नए स्पेशलाइजेशन ऑफर कर रहे हैं. आज लायर्स की मांग सिर्फ कोर्टरूम तक सीमित नहीं है. देशभर में बैंक से लेकर मीडिया फर्मों तक अच्छे लॉयर्स की मांग तेजी से बढ़ रही है. प्राइवेट फर्म में टैक्सेशन, सेल टैक्स, आदि मामलों को देखने के लिए लॉ ग्रेजुएट्स को रखा जाता है. अगर स्टूडेंट्स किसी दूसरे देश के लॉ के बारे में कुछ जानकारी हासिल करता है, तो उसे विदेश में भी मौका मिलता है. इन सबके अलावा एक बड़ा काम लीगल राइटिंग का भी है.


यदि आप भी वकालत के क्षेत्र में करियर बनाने का सोच रहे हैं और सही कोर्स का सलेक्शन करने में कन्फ्यूजन हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है. वकालत के क्षेत्र में जाने के लिए एलएलबी और बीए एलएलबी दोनों ही महत्वपूर्ण कोर्स हैं. एलएलबी तीन साल का होता है, जबकि बीए एलएलबी पांच साल का है. दोनों के अलग-अलग फायदे और भविष्य की सुरक्षा हैं.


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एलएलबी


एलएलबी, बैचलर ऑफ लॉ में पूरी तरह से सिर्फ वकालत की पढ़ाई होती है. इस कोर्स का चुनाव किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करने के बाद कर सकते हैं. इस कोर्स को तीन साल में पूरा किया जा सकता है. इसके लिए अगर टॉप कॉलेज की बात की जाए, तो कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) पास करना होगा. तब जाकर किसी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन हासिल कर सकते हैं.


एलएलबी कोर्स को करने के बाद ऑल इंडिया बार एग्जाम परीक्षा देकर वकालत का हासिल करना होगा. परीक्षा पास करने वालों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा यह अधिकार मिलता है कि वकील देश के किसी भी न्यायालय में जाकर वकालत की प्रैक्टिस कर सकते हैं. यही वजह है कि हर साल एआईबबीई एग्जाम में हजारों की संख्या में परीक्षार्थी शामिल होते हैं.


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बीए एलएलबी


12वीं पास होने के बाद ग्रेजुएशन लेवल पर बीए एलएलबी कोर्स कर सकते है. यह एक 5 साल का इंटीग्रेटेड एग्जाम है. इसमें वकालत के साथ-साथ इतिहास ,भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र और हिन्दी या इंग्लिश जैसे विषय भी पढ़ सकते हैं. एलएलबी की तुलना में बीए एलएलबी कोर्स इन दिनों ज्यादा डिमांड में है. यही वजह है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज भी अब 5 वर्षीय बीए एलएलबी कोर्स को कम फीस में करा रही है.


बात की जाए पहले नौकरी मिलने की तो बीए एलएलबी कोर्स करने के बाद नौकरी जल्दी लगने की संभावनाएं होती हैं. बीए एलएलबी कोर्स करने पर आपको एक साल ज्यादा मिलता है. इस दौरान आप एआईबीई परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं या परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. ज्यादातर प्राइवेट फर्म भी लीगल कंसल्टेंट के पोस्ट पर बीए एलएलबी वालों को प्राथमिकता देते हैं.


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