मध्य प्रदेश में मेडिसन की पढ़ाई अब अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हिंदी में भी हो सकेगी. दरअसल राज्य के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर विश्वास सारंग ने मंगलवार को कहा कि मध्य प्रदेश सरकार "निकट भविष्य में" हिंदी में मेडिसन की स्टडी करने का भी ऑप्शन देगी.” उन्होंने कहा कि “हम यह सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द एक कमेटी बनाने जा रहे हैं कि मेडिकल एजुकेशन कोर्स (सामग्री) हिंदी में भी तैयार की जाए. उन्होंने हिंदी दिवस के अवसर पर कहा कि, “निकट भविष्य में हम हिंदी में भी मेडिकल स्टडी की पढ़ाई शुरू करेंगे. ”
विश्वास सारंग ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा का मॉड्यूल हिंदी में तैयार करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. इस समिति के सुझाव के बाद ही हिंदी में कोर्स तैयार किया जाएगा. छात्रों के पास ऑप्शन होगा कि वे मेडिकल एजुकेशन हिंदी में लेना चाहते हैं या अंग्रेजी में. सारंग ने ये भी कहा कि हिंदी में चिकित्सा शिक्षा की सुविधा देने से गरीब, ग्रामीण व आदिवासी पृष्ठभूमि के छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा.
MBBS फर्स्ट ईयर के फाउंडेशन कोर्स का हिस्सा बनेंगे RSS संस्थापक
इस महीने की शुरुआत में, सारंग ने घोषणा की थी कि RSS के संस्थापक के बी हेडगेवार, जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद और बी आर अंबेडकर पर लेक्चर एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के फाउंडेशन कोर्स का हिस्सा होंगे.उन्होंने कहा था कि इस फैसले का मकसद छात्रों में सोशल और मेडिकल नैतिकता की भावना पैदा करना है.
ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के छात्र पढ़ेंगे रामचरितमानस
वहीं मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने सोमवार को घोषणा की थी कि ग्रेजुएशन कोर्स के फर्स्ट ईयर के छात्रों को आर्ट स्ट्रीम में दर्शनशास्त्र के तहत इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में 'रामचरितमानस' की पेशकश की जाएगी.
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