प्रतियोगी परीक्षाएं इस साल सवालों के घेरे रही हैं. साल 2024 में कहीं पेपर लीक के आरोप लगे तो कोई एग्जाम डार्क वेब पर लीक हो गया. लेकिन अब एक नया मामला सामने आया है. जिसे जान आप हैरान रह जाएंगे. आपने एक्स्ट्रा मार्क्स फॉर गुड हैंडराइटिंग टीवी या फिल्मों में देखा होगा, लेकिन क्या हकीकत में ऐसा होता देखा है?
दरअसल, मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड ने किया है. बोर्ड की तरफ से वन और जेल भर्ती परीक्षा का अंतिम रिजल्ट जारी किया गया है. बोर्ड की तरफ से जारी रिजल्ट में एक कैंडिडेट को 101.66 नंबर दिए गए हैं. जिस कैंडिडेट को 101 से ज्यादा नंबर मिले हैं उसका नाम राजा भैया प्रजापति है. राजा भैया प्रजापति के बाद दूसरे स्थान पर ज्योति साहू का नाम है 96.79 अंक मिले हैं.
तीसरे स्थान पर रहे रविंद्र सिंह गुर्जर को 95.96 नंबर मिले हैं. मामला देख हैरान रह गए कुछ लोगों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के नाम पर फर्जीवाड़े चल रहे हैं. कोई भी भर्ती सही प्रकार से नहीं हो पा रही है.उधर चयन बोर्ड की ओर से कहा गया है कि इस परीक्षा में नियमानुसार नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई गई है. जिसके चलते आवेदकों को पूर्णांक (100) से अधिक अंक एवं शून्य से कम अंक प्राप्त हो सकते हैं.
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नॉर्मलाइजेशन जब किसी एग्जाम में कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा होती है तो इसे अलग-अलग दिनों या फिर दो पालियों में आयोजित किया जाता है. सभी के लिए अलग-अलग क्वेश्चन पेपर तैयार होते हैं. यदि पहली पाली में शामिल हुए कैंडिडेट्स के एवरेज नंबर कम है या फिर एटेम्पट भी कम है तो उसे कठिन पेपर मान लिया जाता है. इसमें उम्मीदवारों के एवरेज मार्क्स कम रहते हैं.
वहीं, अगर दूसरी पाली में शामिल उम्मीदवारों के मार्क्स ज्यादा रहे या एटेम्पट ज्यादा होते हैं तो उसे आसान मान लिया जाता है. फिर बारी आती है ओवरऑल रिजल्ट तैयार करने की. जिसे औसत अंकों के आधार पर तैयार किया जाता है. इस प्रोसेस को ही नॉर्मलाइजेशन कहा जाता है.
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